जिला अधिवक्ता संघ के निर्वाचन प्रक्रिया बीते दिनों से चल रही है जिसमें 20 दिसंबर को अधिवक्ता संघ के मतदान होना है जिसमें 11 दिसंबर को नाम वापसी के बाद दो अधिवक्ता के द्वारा अपील समिति में अपील आई थी जिसमें अधिवक्ता माधुरी कटरे ब्रम्ह और अधिवक्ता अरविंद उके के नाम पर अपीलीय समिति द्वारा 12 दिसंबर को अपना पक्ष पेश किया गया है जिसमें अधिवक्ता माधुरी कटरे ब्रम्ह की अपील को सही ठहराते हुए उन्हें अपीलीय समिति द्वारा चुनाव लड़ने के लिए पात्र ठहराया है
आपको बतादे की जिला अधिवक्ता संघ के चुनाव 20 दिसंबर को होने हैं जिसके लिए निर्वाचन की प्रक्रिया बीते कुछ दिनों से चल रही है जिसमें 11 दिसंबर को छटनी के बाद दो अधिवक्ता ने अपीलीय समिति में अपील की थी जिसमें अधिवक्ता माधुरी कटरे ब्रम्ह ने यह अपील की थी कि उनके नामांकन को अवैध रूप से निरस्त किया जाए तथा अधिवक्ता अरविंद उके के मतदान सूची में नाम नहीं जोड़े जाने को लेकर अपील की गई थी
जिस पर अपीलीय समिति द्वारा 12 दिसंबर को अपना निर्णय सुनाते हुए यहां निर्णय लिया गया कि अधिवक्ता माधुरी कटरे ब्रम्ह को चुनाव लड़ने के लिए वैध करार किया जाता है साथ ही अधिवक्ता अरविंद उके द्वारा मतदाता सूची में नाम जोड़े जाने को लेकर पूर्व में आवेदन नहीं किया गया था इस वजह से उनका नाम मतदान सूची में नहीं जोड़ा गया है तथा उनकी आपत्ती वैधानिक पाई गई एवं अधिवक्ता माधुरी कटरे ब्रम्ह को सचिव पद के लिए चुनाव लड़ने के लिए वैध पाया गया है.
अपीलीय समिति के पदाधिकारी हरीश नगपुरे द्वारा बताया गया कि उनकी अपीलीय समिति में दो अपील आयी थी जिन पर 12 दिसंबर को अपील समिति द्वारा अपना फैसला सुनाते हुए यह बताया कि पहला मामला अधिवक्ता माधुरी कटरे ब्रम्ह का था जिसमें उन्होंने अपील की थी कि उन्हें निर्वाचन समिति द्वारा उनके फार्म को निरस्त कर दिया गया है जबकि अपीलीय समिति द्वारा सभी बिंदुओं पर अध्ययन कर पाया कि चुनाव समिति द्वारा मध्य प्रदेश राज्य अधिवक्ता संघ के एक आदेश अनुसार की जो किशोर न्यायालय में सदस्य रहेंगे वह चुनाव की पात्रता नहीं रखते ,किंतु अधिवक्ता माधुरी कटरे ब्रम्ह के बारे में देखा गया तो वह किशोर न्यायालय की सदस्य नहीं है अपितु किस किशोर न्याय बोर्ड की सदस्य हैं इस वजह से उनका नामांकन फॉर्म निरस्त किया गया था जिसे अपीलीय समिति द्वारा उनकी अपील को सही करार करते हुये चुनाव लड़ने की पात्रता रखने का हवाला देते हुए उन्हें जवाब प्रस्तुत किया है वहीं अधिवक्ता अरविंद उके द्वारा अपील लगाई गई थी कि उनका नाम मतदान सूची में नहीं जोड़ा गया है जब इस विषय पर उन्होंने जानकारी ली तो उन्हें पता चला कि अधिवक्ता अरविंद उके के द्वारा मतदाता सूची के फाइनल प्रकाशन के समय उन्होंने अपना नाम नहीं जुड़वाया था बल्कि मतदाता सूची के फाइनल प्रकाशन के बाद उन्होंने आवेदन दिया था जिस कारण उनका नाम मतदाता सूची में नहीं जोड़ा गया है इस प्रकार से उनकी अपील को खारिज कर दिया गया है
मतदान अधिकारी संतोष शुक्ला द्वारा मिडिया को बताया गया कि अपीलीय समिति के द्वारा अधिवक्ता माधुरी कटरे ब्रम्ह के विषय में निर्णय देने के बाद उनकी अपील को स्वीकार कर लिया गया है और वह चुनाव लड़ने की अब पात्रता रखती हैं