अब कलेक्टरों से मांगा सामान्य पदों पर जीते ओबीसी जनप्रतिनिधियों का ब्योरा

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 मध्य प्रदेश में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में ओबीसी (अन्य पिछड़ा वर्ग) आरक्षण बहाल कराने के लिए सरकार पूरी ताकत से जुट गई है। ओबीसी मतदाताओं की जानकारी एकत्र कराने की कवायद करने के बाद अब कलेक्टरों से पिछले दो पंचायत चुनाव में सामान्य (अनारक्षित) पदों पर जीते ओबीसी जनप्रतिनिधियों का ब्योरा मांगा गया है। इसके आधार राज्य पिछड़ा वर्ग कल्याण आयोग अपना प्रतिवेदन तैयार करेगा, जिसे सुप्रीम कोर्ट में प्रस्तुत किया जाएगा।

पिछड़ा वर्ग विभाग के प्रमुख सचिव अशोक बर्णवाल ने सभी कलेक्टरों को सात जनवरी 2022 तक जानकारी देने के लिए पत्र लिखा है। इसमें कहा गया है कि पिछड़े वर्ग के व्यक्तियों की राजनीतिक हिस्सेदारी में पिछड़ेपन के स्वरूप और कारणों से जो बाधा आती है, उसका अध्ययन करने के लिए पिछड़ा वर्ग कल्याण आयोग ने जानकारी चाही है। इसके लिए अपने जिले की सभी ग्राम पंचायतों के अनारक्षित पदों के विरुद्ध चुने गए अन्य पिछड़ा वर्ग के जनप्रतिनिधियों की जानकारी एकत्र करके भेजी जाए।

यह कार्य किसी भी स्थिति में सात जनवरी तक पूरा करके रिपोर्ट शसन को भेजी जाए। मालूम हो कि सुप्रीम कोर्ट ने त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के दौरान राज्य निर्वाचन आयोग को आदेश दिया था कि ओबीसी के लिए आरक्षित पदों को सामान्य में पुन: अधिसूचित कराया जाए। पिछड़ा वर्ग विभाग द्वारा जुटाई जा रही जानकारी इसके मद्देनजर महत्वपूर्ण मानी जा रही है।

आयोग पिछड़ा वर्ग कल्याण के लिए सरकार को देगा सुझाव

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने पिछड़ा वर्ग के कल्याण के लिए मध्य प्रदेश पिछड़ा वर्ग कल्याण आयोग का गठन किया है। इसका अध्यक्ष पूर्व मंत्री गौरीशंकर बिसेन को बनाया गया है। आयोग को पिछड़े वर्ग की वर्तमान सामाजिक, शैक्षणिक तथा आर्थिक स्थिति का अध्ययन करके पिछड़ा वर्गों के कल्याण के लिए सरकार को सुझाव देना है। इसके लिए विभाग ने कलेक्टरों से जानकारी मांगी है।

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