सत्ता-संगठन में समन्वय और सामूहिक फैसले के मद्देनजर अब भाजपा के दिग्गज नेताओं की बैठक नियमित तौर पर हर महीने होगी। लंबे समय बाद गुरुवार को मुख्यमंत्री आवास में दिग्गज नेताओं की मौजूदगी में हुई बैठक में प्रदेश के ताजे राजनीतिक हालात सहित उपचुनाव और संगठन को निचले स्तर मजबूत किए जाने पर चर्चा हुई। चर्चा में संगठन को मजबूत करने की दिशा में क्षेत्रीय संगठन मंत्री तैनात किए जाने के मुद्दे पर भी चर्चा हुई।
बैठक में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, राष्ट्रीय सह संगठन मंत्री शिवप्रकाश, प्रदेश प्रभारी पी मुरलीधर राव, राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय, प्रदेशाध्यक्ष विष्णु दत्त शर्मा, प्रदेश संगठन महामंत्री सुहास भगत, सह संगठन मंत्री हितानंद मौजूद थे। पार्टी सूत्रों के मुताबिक दिग्गज नेताओं ने निगम-मंडल में नियुक्त किए जाने वाले नेताओं के नाम पर चर्चा की। इसमें ज्यादातर वे नाम शामिल हैं, जो केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ कांग्रेस छोड़कर भाजपा में आए थे।
ऐसे नेताओं में खासतौर पर विधानसभा के उपचुनाव में पराजित इमरती देवी, गिर्राज डंडौतिया और एदल सिंह कंषाना के नाम शामिल हैं। इसके अलावा आदिवासी क्षेत्र में भाजपा संगठन की कमजोर हो रही पकड़ पर भी विशेष रूप से चर्चा की गई। प्रदेश प्रभारी मुरलीधर राव ने प्रदेश के विभिन्न् अंचलों के दौरे के बारे में फीडबैक दिया। उन्होंने उपचुनाव वाले क्षेत्र के प्रवास के बारे में बताया कि निचले स्तर पर संगठन को मजबूत किए जाने की आवश्यकता है।
वहीं राष्ट्रीय सह संगठन मंत्री शिवप्रकाश ने भी पार्टी संगठन और प्रदेश प्रवास का हवाला देकर कहा कि आने वाले विधानसभा चुनाव से पहले हमें कार्यकर्ताओं को सक्रिय करना होगा। पार्टी नेताओं ने जोर दिया कि संगठन स्तर पर पकड़ बनाने के लिए क्षेत्रीय संगठन मंत्री नियुक्त किए जाएं। जिन संभागीय संगठन मंत्रियों को मुक्त किया गया है, उनके पुनर्वास पर भी मंथन किया गया। इस दौरान उपचुनाव के प्रत्याशियों को लेकर भी चर्चा की गई। उधर, भाजपा की इस कवायद पर कांग्रेस ने तंज कसते हुए ट्वीट किया है। मुख्यमंत्री श्ािवराज सिंह चौहान को 15 दिन का समय और मिल गया।
आदिवासी इलाकों में बूथ स्तर पर मंत्री करें प्रवास
खंडवा लोकसभा क्षेत्र को लेकर रणनीति तैयार की गई कि वहां आदिवासी इलाकों में बूथ स्तर तक सभी मंत्रियों को प्रवास करना चाहिए ताकि वहां किसी तरह की समस्याएं न रहें। चाहे वह राशन कार्ड का मामला हो या बिजली बिल की समस्या हो। इसके अलावा कुशाभाऊ ठाकरे जन्मशती वर्ष पर आयोजित होने वाले कार्यक्रम पर चर्चा की। समर्पण अभियान के जरिए ज्यादा से ज्यादा राशि संग्रह किए जाने का लक्ष्य तय कर काम करने पर जोर दिया गया।
बैठक में अनुसूचित जाति वर्ग में नेतृत्व तैयार किए जाने पर भी विचार किया गया। वहीं मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने तमाम योजनाओं का ब्योरा देते हुए कानून व्यवस्था से लेकर बाकी प्रशासनिक हालात के बारे में बताया। मुख्यमंत्री ने उपचुनाव की तैयारियों पर एक प्रजेंटेशन भी दिया। इसमें बताया गया कि उपचुनाव वाले क्षेत्रों में क्या-क्या विकास कार्य चलाए जा रहे हैं।










































