असम में तीन दिनों का राजकीय शोक, बुधवार से आर्थिक नाकेबंदी की तैयारी, तनाव की आशंका

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Assam Mizoram Border Dispute: असम-मिजोरम सीमा पर फिलहाल शांति है, लेकिन स्थिति तनावपूर्ण बनी हुई है। दोनों राज्यों में तनाव को देखते हुए केन्द्रीय गृह सचिव ने असम और मिजोरम के मुख्य सचिवों और अन्य उच्च अधिकारियों की एक बैठक बुलाई है। बुधवार को नॉर्थ ब्लॉक में होनेवाली इस बैठक में सीमा-विवाद को सुलझाने और दोनों राज्यों के बीच शांति बहाल करने के उपायों पर चर्चा की जाएगी। उधर, असम सरकार ने सीमा-विवाद में मारे गये पांच पुलिसकर्मियों और एक नागरिक के सम्मान में मंगलवार से तीन दिवसीय शोक की घोषणा की है। मिजोरम सीमा से लगे असम के जिले के लोगों ने मिजोरम के रास्ते बंद करने और आर्थिक नाकेबंदी की धमकी दी है। दोनों राज्यों की सीमा पर CRPF की तैनाती की गई है, लेकिन मिजोरम पुलिस अभी भी अस्थायी पोस्ट पर जमी हुई है।

असम के मुख्यमंत्री हिमंत सरमा ने सिलचर में मंगलवार को पांचों पुलिसकर्मियों को पुष्पांजलि अर्पित की। इससे पहले वह सिलचर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल गए और उन्होंने संघर्ष में घायल पुलिकर्मियों से मुलाकात की। कछार के पुलिस अधीक्षक वैभव चंद्रकांत निम्बालकर को एयर फोर्स की एयर एंबुलेंस से मुंबई के एक अस्पताल ले जाया गया है। अधिकारियों ने बताया कि मुख्यमंत्री अंतर राज्यीय सीमा पर भी जा सकते हैं, लेकिन वहां के हालात “तनावपूर्ण लेकिन नियंत्रण में हैं।” विशेष पुलिस महानिदेशक जीपी सिंह ने इस बात के संकेत दिए कि असम के पुलिसकर्मियों पर गोली चलाने वाले मिजो पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

वैसे असम में इस घटना के बाद लोगों में काफी नाराजगी है। काबूगंज और ढोलई इलाके के लोगों ने किसी भी वाहन को पड़ोसी राज्य में जाने से रोकने के लिए मंगलवार सुबह नौ बजे से मिजोरम की ओर जाने वाली सड़कों को अनिश्चितकालीन के लिए बंद कर दिया। वहीं सीमावर्ती कस्बों और गांवों के लोग भी बुधवार से अनिश्चितकालीन “आर्थिक नाकेबंदी” शुरू करेंगे। बराक डेमोक्रेटिक फ्रंट (BDF) ने भी लैलापुर में असम पुलिस के जवानों की हत्या के विरोध में बुधवार को 12 घंटे के बराक घाटी बंद का आह्वान किया है।

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