आंगनवाड़ी केन्द्र एवं प्राथमिक/माध्यमिक स्कूलों में नही बनेगा मध्यान्ह भोजन

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आंगनवाड़ी केन्द्रों में सांझा चूल्हा एवं शासकीय स्कूलों में मध्यान्ह भोजन बनाने वाली रसोईयों के द्वारा वेतनवृध्दि सहित अन्य जायज मांगों को लेकर लालबर्रा विकासखण्ड की रसोईयां की ७ अगस्त से अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू होने वाली है ऐसी स्थिति में आंगनवाड़ी केन्द्रों एवं स्कूलों में अध्ययनरत बच्चों को मध्यान्ह भोजन नही मिलेगा जिससे आंगनवाड़ी केन्द्र, प्राथमिक एवं माध्यमिक स्कूलों में मध्यान्ह भोजन बनाने का कार्य प्रभावित होगा। नगर मुख्यालय स्थित बेसिक शाला में ६ अगस्त को म.प्र. स्वसहायता समूह संगठन (मीड डे मील) रसोईयां संघ की बैठक संपन्न हुई। यह बैठक म.प्र. स्वसहायता समूह संगठन (मीड डे मील) रसोईयां संघ प्रदेशाध्यक्ष देवनाथ पंचेश्वर एवं रसोईयों की उपस्थिति में प्रारंभ हुई। आयोजित बैठक में रसोईयों को सांझा चूल्हा एवं मध्यान्ह भोजन बनाने में आ रही परेशानियों सहित अन्य बिन्दुओं पर चर्चा कर वेतन वृध्दि किये जाने सहित अन्य मांगों को लेकर ७ अगस्त से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने का निर्णय लिया गया है और जब तक मांगे पूरी नही हो जाती हड़ताल जारी रखने की बात कही है क्योंकि लंबे समय से रसोईयों के द्वारा वेतन वृध्दि किये जाने की मांग की जा रही है परन्तु उनकी मांगों को पूरा नही किया गया है जिससे रसोईयों में सरकार के प्रति भारी आक्रोश व्याप्त है और वर्तमान में आंगनवाड़ी की रसोईयों को ५०० रूपये एवं स्कूल की रसोईयों को २००० रूपये प्रतिमाह वेतन मिल रहा है इतने अल्पवेतन में जीविकापार्जन करने में उन्हे खासा परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। रसोईयों ने बताया कि हमारे द्वारा आंगनवाड़ी केन्द्रों व शासकीय प्राथमिक एवं माध्यमिक स्कूलों में मध्यान्ह भोजन बनाने का कार्य किया जाता है परन्तु वेतन बहुत की कम मिल रहा है और सांझा चूल्हा की रसोईयों को ५०० रूपये एवं स्कूलों में मध्यान्ह भोजन बनाने वाली रसोईयों को २००० रूपये प्रतिमाह मिलता है इतनी कम वेतन में इस महंगाई के दौर में परिवार का पालन-पोषण करने में बेहद ही परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। साथ ही यह भी बताया कि लंबे समय से वेतन वृध्दि किये जाने की मांग सरकार से कर रहे है परन्तु मांगों को पूरा नही किया जा रहा है इसलिए ७ अगस्त से सभी रसोईयां सांझा चूल्हा एवं मध्यान्ह भोजन का कार्य बंद कर अनिश्चितकालीन हड़ताल करेगी और जब तक मांगे पूरी नही होगी वापस नही आयेगें इसलिए सरकार से मांग है कि मानदेय बढ़ाकर ६००० से ९००० रूपये वेतन रसोईयों को दें।

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