आइआइटी कानपुर की टीम जांचेगी चंबल पुल की भार क्षमता, 24 घंटे रहेगा बंद

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ग्वालियर-इटावा नेशनल हाइवे 719 पर चंबल नदी के पुल पर मरम्मत के बाद आइआइटी कानपुर की सिविल इंजीनियर टीम पुल पर भार क्षमता की जांच करेगी। ऐसे में पुल से 24 घंटे एक भी वाहन नहीं गुजरेगा। इटावा कलेक्टर अवनीश राय ने 22 दिसंबर की सुबह सात बजे से अगले दिन 23 दिसंबर की सुबह सात बजे तक पुल से गुजरने वाले सभी वाहन, पैदल यात्रियों के निकलने पर भी रोक लगाई है।

उप्र लोकनिर्माण सेतु विभाग ने पुल की जांच की बाद इसे क्षतिग्रस्त घोषित कर भारी वाहनों के लिए अनुपयोगी बताया था। इटावा कलेक्टर ने सात जून को चंबल पुल से भारी वाहनों के निकलने पर रोक लगा दी थी। यह प्रतिबंध नए पुल तक बनने तक लगाया गया था।

दोनों तरफ लोहे का बैरियर

पुल के दोनों तरफ लोहे का बैरियर लगा दिया था। जिससे पुल से सिर्फ छोटे वाहन ही निकल पा रहे थे। लेकिन ग्वालियर-इटावा हाइवे बनाने वाली पीएनसी कंपनी ने उप्र सरकार से मंजूरी लेकर पुल की जांच कराने के बाद करीब चार करोड़ रुपये खर्च कर पुल की मरम्मत कराई है। पुल की मरम्मत के बाद आइआइटी कानपुर की टीम पुल की भार क्षमता की जांच करने के लिए आ रही है। टीम की ओके रिपोर्ट के बाद ही पुल पर भारी ट्रैफिक शुरू किया जाएगा।

इन रास्तों से गुजरेंगे वाहन

भारी वाहनों का पुल से आवागमन प्रतिबंधित होने के बाद अब भिंड की ओर से जाने वाले वाहन जालौन एवं शिकोहाबाद होते हुए आएंगे। इसके अलावा फूफ, सहसों, चकरनगर एवं उदी मोड़ होकर इटावा की ओर जाएंगे। भिंड की ओर आने वाले वाहन जालौन, शिकोहाबाद अथवा उदी चौराहा से चकरनगर सहसों, फूफ होकर जाएंगे।

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