टेनिस स्टार सानिया मिर्जा का आखिरी ग्रैंड स्लैम फाइनल जीतने का सपना टूट गया। ऑस्ट्रेलियन ओपन मिक्स्ड डबल्स फाइनल में सानिया (36) और रोहन बोपन्ना (42) की जोड़ी को ब्राजील की लुईसा स्टेफनी और राफेल माटोस की जोड़ी ने हराया।
फाइनल मैच के बाद जब सानिया को मेलबर्न रॉड लेवर एरिना पर स्पीच के लिए बुलाया गया तो वो रो पड़ीं। उन्होंने कहा- ये खुशी के आंसू हैं। 18 साल पहले मेलबर्न से ही करियर शुरू हुआ था, इसे खत्म करने की मेलबर्न से बेहतर जगह नहीं हो सकती। मुझे यहां पर घर जैसा अहसास कराने के लिए आप सभी का शुक्रिया।
WTA करियर का आखिरी टूर्नामेंट होगा
सानिया मिर्जा पहले ही संन्यास की घोषणा कर चुकी हैं। साल के शुरुआत में उन्होंने टेनिस वेबसाइट wtatennis.com को दिए इंटरव्यू में कहा था कि दुबई में 19 फरवरी से होने वाले WTA 1000 इवेंट उनका आखिरी टूर्नामेंट होगा। इसके बाद वह संन्यास ले लेंगी।
बोपन्ना बोले- देश और दुनिया में प्रेरणा बनने के लिए शुक्रिया
सानिया मिर्जा ने साथी खिलाड़ी रोहन बोपन्ना का भी शुक्रिया किया। उन्होंने कहा कि 14 साल की उम्र में उनके पहले मिक्स्ड डबल्स पार्टनर बोपन्ना ही थे। दोनों की फैमिली और बच्चे भी फाइनल के दौरान मौजूद थे। हालांकि, सानिया के पति और पाकिस्तानी क्रिकेटर शोएब मलिक फाइनल में नहीं थे। बोपन्ना ने सानिया से कहा- आपने अपने खेल से इतने सालों तक देश और दुनिया के लोगों को प्रेरणा देने का काम किया है। इसके लिए आपका शुक्रिया।
ब्राजीलियन जोड़ी ने सानिया बोपन्ना को हराया
मिक्स्ड डबल्स जीतने वाले लुईसा और राफेल पहली बार ग्रैंड स्लैम जीते हैं। सानिया-बोपन्ना ने पहला सेट 6-7 से टाईब्रेक में गंवाया। दूसरे सेट में भी उन्हें ब्राजील जोड़ी ने वापसी का मौका नहीं दिया और इस सेट को 6-2 से जीत लिया।
सानिया-बोपन्ना ने 6 साल पहले 2017 में फ्रेंच ओपन का मिक्स्ड डबल्स खिताब जीता था। ऑस्ट्रेलियन ओपन में मिर्जा महेश भूपति के साथ 2009 में चैंपियन बनी थीं। सानिया मिर्जा अब तक 6 ग्रैंड स्लैम जीत चुकी हैं।










































