वारासिवनी(पद्मेश न्यूज)। वारासिवनी जनपद पंचायत अंतर्गत ग्राम पंचायत कासपुर के आमाटोला से कायदी कच्चे मार्ग की हालत बहुत ज्यादा खराब हो गई है। जहां पर छोटे.बड़े गड्ढे और गिट्टी के छोटे बड़े पत्थर बाहर निकल गए हैं जहां से आवागमन बहुत मुश्किल हो गया है। लोगों को कई प्रकार की समस्याएं हो रही है हालांकि मजबूरी के कारण मार्ग का उपयोग करना ग्रामीणों के द्वारा बताया जा रहा है। यह मार्ग बारिश में चलने लायक नहीं रहेगा जबकि उक्त क्षेत्र का यह एक बायपास मार्ग है। जिसका सबसे ज्यादा उपयोग कायदी रेलवे स्टेशन के लिए करीब एक दर्जन ग्राम के लोग करते हैं। यह मार्ग पर दोनों ग्राम पंचायत के द्वारा वर्तमान तक कोई सुधार कार्य नहीं करवाया गया है तो वहीं शासन प्रशासन के द्वारा भी पक्की सडक़ का निर्माण नहीं किया गया है। जिसको लेकर ग्रामीणों के द्वारा लंबे समय से मांग की जा रही है ताकि वह सुरक्षित रूप से आवागमन कर सके।
मार्ग पर दुर्घटना की बनी हुई है संभावना
आमाटोला से कायदी मार्ग कच्चा है जिसका अभी तक पक्का निर्माण नहीं किया गया है। जहां पर आमाटोला से कायदी ग्राम की सरहद तक पूरे मार्ग में गिट्टी के पत्थर बाहर आ गए हैं। जहां ढंग से बैलगाड़ी भी नहीं चल पाता है तो वहीं पुलिया से कायदी तक मुरूम और मिट्टी का होना बताया जाता है। जहां पर बड़े.बड़े गड्ढे विभिन्न स्थानों पर बन गए हैं गाडदान के जैसी स्थिति बनी हुई है। यह मार्ग बारिश के समय बंद हो जाता है क्योंकि मोटरसाइकिल और साइकिल से आना जाना तो दूर पैदल चलना भी दुर्भर हो जाता है। पूरा मार्ग कीचड़ से सराबोर रहता है यह मार्ग का उपयोग कासपुर ,मदनपुर ,थानेगांव, कोस्ते सहित करीब एक दर्जन ग्राम के लोग बाईपास के रूप में करते हैं। वह भी सबसे ज्यादा कायदी रेलवे स्टेशन के लिए और कुछ बालाघाट के लिए आना जाना करते हैं जहां कम दूरी में लोग कायदी पहुंच जाते हैं। तो वहीं संजीवनी १०८ या जननी एक्सप्रेस भी इसी मार्ग से विभिन्न ग्रामीण क्षेत्रों तक पहुंचती है जहां वर्तमान में बहुत ज्यादा समस्या बनी हुई है। इसके निर्माण को लेकर कई बार ग्रामीण क्षेत्र के लोगों के द्वारा विभिन्न स्तर पर मांग की गई है । परंतु वर्तमान तक कोई भी स्तर से उक्त मार्ग को पक्के मार्ग में बदलने या आवागमन को सुरक्षित बनाने के लिए कोई कार्य नहीं किया गया हैं। मार्ग की खराब व्यवस्था यथावत है उक्त परिस्थिति में भी लोग आना जाना कर रहे जिनके द्वारा मार्ग के पक्के निर्माण की मांग की जा रही है। ताकि रात्रि के समय जो आवागमन बंद हो जाता है वह भी निरंतर चलता रहे लोग सुरक्षित अपने गंतव्य के लिए चलते रहे। हालांकि मार्ग की स्थिति खराब होने से दुर्घटना की संभावना भी लगी हुई है और कई बार लोग चोटिल भी हो जाते हैं जिसमें उन्हें क्षति उठानी पड़ती है।
इस मार्ग से जान जोखिम में डालकर करते है आना जाना-भागचंद वालथरे
किसान भागचंद वालथरे ने पद्मेश से चर्चा में बताया कि यह आमाटोला से कायदी तक का मार्ग है। यहां मुश्किल से एक बैलगाडी भी अच्छे से नहीं चल पाती है गिट्टी के पत्थर बाहर होने से भयंकर झटके लगते हैं। यहां जान का भी जोखिम लगा हुआ है ग्रामीण क्षेत्र के लोग मोटरसाइकिल से एवं स्वास्थ्य सेवा के लिए एंबुलेंस भी यही से जाना आना करती है। सबसे ज्यादा लोग रेलवे स्टेशन के लिए उपयोग करते हैं डोंगरमाली, भेंडारा तक के लोग यहां से आना जाना करते हैं। वारासिवनी तरफ से फेरा पड़ता है यह २ किलोमीटर का रोड़ है यह रोड़ दोनों तरफ डामर रोड से जुड़ती है। चार से पांच वर्ष हो गया पूरी सडक़ उखड़ गई है पहले कुछ ठीक थी बारिश के समय यहां आना जाना बंद रहता है पैर खपते हैं भयंकर कीचड़ रहता है रोड़ बनाई जानी चाहिए।
गिट्टी उखड़ गई है दुर्घटना होने की संभावना बनी हुई है-नंदकिशोर चावले
रहागीर नंदकिशोर चावले ने पद्मेश से चर्चा में बताया कि यह कायदी का रास्ता है हम यहां से अपने कार्य के लिए जा रहे हैं। हर कोई यहां से आना जाना करता रहता है यहां मोटर साइकिल से जाने वाले लोग रेलवे स्टेशन कायदी के लिए या बालाघाट के लिए इस मार्ग का उपयोग करते हैं। मैं थानेगांव का रहने वाला हूं दूरी बचाने के लिए हम भी इस मार्ग का उपयोग करते हैं कच्चा मार्ग जरूर है परंतु समीप का है। थानेगांव से कोस्ते आमाटोला होते हुए कायदी जा रहा हूं थानेगांव से कायदी ७ किलोमीटर है और वारासिवनी होते हुए १५ किलोमीटर पड़ता है। यह रोड़ की स्थिति वर्तमान में बहुत खतरनाक है बरसात में चलना मुश्किल है अभी बड़े.बड़े गड्ढे हो गए हैं। गिट्टी उखड़ गई है दुर्घटना की संभावना बनी हुई है यह सडक़ बनना चाहिए क्योंकि यह बाईपास सडक़ है।
कई वर्षो से नही बनी है रोड़ बहुत ज्याद खराब है-गणेश पटले
ग्रामीण गणेश पटले ने पद्मेश से चर्चा में बताया कि मंै आमाटोला रहता हूं यह मार्ग बहुत खराब है यहां से रोज लोग रेलवे स्टेशन के लिए जाते हैं। करीब ८ से १० गांव के लोग यहां से आना जाना करते हैं वर्तमान में यह कच्चा मुरूम का रोड़ नहीं गिट्टी निकलने से पूरी सडक़ गिट्टी की लगती है। सामने पुलियां है और उसके आगे भी कच्चा मार्ग है जो मिट्टी और मुरूम का है वहां बड़े.बड़े गड्ढे हो गए हैं। अभी एक पानी आने पर पूरा मार्ग दलदल हो जाएगा मोटरसाइकिल तो दूर पैदल चलना आदमी के लिए संभव नहीं है। उधर मिट्टी इधर गिट्टी भरा रोड़ है और दोनों ग्राम के लोगों को दिक्कत है। शायद २ किलोमीटर है जो आज तक नहीं बनी है १० वर्ष हो गया यही स्थिति है। सुनने में तो आया था कि रोड़ पास हो गया है पर २ वर्ष से देख रहे हैं बना कुछ नहीं है।