आशा कार्यकर्ता ने कोविड सेंटर के कर्मचारियों पर लगाया अभद्रता का आरोप

0

बालाघाट (पद्मेश न्यूज़)। कोरोना मरीजों के उपचार के लिए बूढ़ी आईटीआई के पीछे बनाए गए कोविड- सेंटर में भर्ती एक महिला और उसके परिजनों के साथ धक्का-मुक्की कर गाली गलौज किए जाने का मामला सामने आया है जिसमें पूर्व पॉजीटिव्ह आशा कार्यकर्ता श्रीमती बबीता पति दिगंबर मस्कोले ने कोविड सेंटर में कार्यरत पांच से सात कर्मचारियों पर छुट्टी होने के दरमियान उनके और उनके बच्चों के साथ अभद्र व्यवहार कर धक्का-मुक्की करने व गाली गलौज कर उनके मोबाइल का सिम जप्त कर उनका मोबाइल फोड़े जाने का आरोप लगाया है जिन्होंने भारतीय मजदूर संघ कार्यालय में अन्य आशा कार्यकर्ताओं के साथ संघ के अध्यक्ष राजेश वर्मा को घटना की जानकारी देते हुए इस पूरे मामले की जांच कराकर दोषियों पर कार्यवाही किए जाने की मांग की है वहीं इस पूरे मामले को लेकर अन्य आशा कार्यकर्ताओं व संघ के अध्यक्ष राजेश वर्मा द्वारा मांग पूरी ना होने पर 14 सितंबर को कलेक्टर कार्यालय का घेराव किए जाने की चेतावनी दी गई है।आपको बताएं कि यह पूरा मामला उस समय से गरमाया हुआ है जब आशा कार्यकर्ता बबीता मसकोले ने व्हाट्सएप पर एक वीडियो जारी कर यह बताया था कि उन्होंने कोरोनावायरस की जाच नहीं कराई और ना ही उनके सैंपल लिए गए हैं और बगैर जांच के ही उन्हें कोरोना पॉजीटिव्ह बताकर कोविड सेंटर में भर्ती कराया गया है आशा कार्यकर्ता के मुताबिक जारी किए गए इस वीडियो के बाद से ही कोविड सेंटर में उन्हें परेशान किया जा रहा था 4 सितंबर को जब उन्हें कोविड-19 से डिस्चार्ज किया गया तब इसी मामले को लेकर वहां के कर्मचारियों ने उनके साथ अभद्र व्यवहार किया है।
वीडियो जारी करने के बाद से ही मुझे प्रताडि़त कर रहे थे बबीता मसकोले
इस पूरे मामले के संदर्भ में की गई चर्चा के दौरान सावंगी की आशा कार्यकर्ता बबीता मसकोले ने बताया कि 26 अगस्त को वारासिवनी सिविल अस्पताल में क्षेत्र की सभी आशा कार्यकर्ताओं को कोरोना जांच के लिए बुलाया गया था लेकिन किसी कारणवश वे जांच कराने अस्पताल नहीं गई बावजूद इसके भी उन्हें कोरोना पॉजीटिव्ह मरीज बता दिया गया। जब इसकी शिकायत उन्होंने वारासिवनी सिविल अस्पताल के बीएमओ डॉ ताथोड़ से की तो उन्होंने उनकी कोई बात नहीं मानी और 29 ता को उन्हें बूढ़ी कोविड सेंटर में जाने को कहा ।उन्होंने आगे बताया कि 26 अगस्त को ना तो उनकी कोरोना की जांच की गई है और ना ही किसी ने उनके सैंपल लिए हैं बिना जांच और बिना सैंपल के ही उनकी रिपोर्ट पॉजीटिव्ह कैसे आ गई इस बात को लेकर उन्होंने इसका विरोध किया लेकिन उन्हें जबरदस्ती कोविड सेंटर में भर्ती करा दिया गया जिसका वीडियो उन्होंने मीडिया को जारी किया था।वीडियो जारी करने के बाद से ही कोविड सेंटर के कर्मचारी उन्हें प्रताडि़त कर रहे थे 7 दिन बाद जब 4 सितंबर को उन्हें डिस्चार्ज किया गया तब वहां के कर्मचारियों ने कहा कि तुमने सेंटर में दी गई गोली, दवाई क्यों नहीं खाई और इसी बात को लेकर उनके बीच बहस हो गई जहां सेंटर के कर्मचारियों ने मेरा मोबाइल छीन कर सिम निकाल लिया और मोबाइल तोड़ दिया वही मेरे और मेरे दो बेटे शक्ति और शैलेंद्र के साथ गाली गुप्तार कर धक्का-मुक्की की गई। हमारी मांग है की मामले की निष्पक्ष जांच कराई जानी चाहिए वही दोषियों को सजा दी जानी चाहिए।
सभी आशा बहने बबीता के साथ खड़ी है -गीता नेवारे
वहीं इस पूरे मामले को लेकर की गई चर्चा के दौरान आशा कार्यकर्ता गीता नेवारे ने बताया कि हमारी आशा बहन के साथ जो घटना हुई है वह घटना काफी निंदनीय है इस घटना से सभी आशा बहनों को दुख हुआ है हम सभी आशा बहने आशा कार्यकर्ता बबीता के साथ खड़े हैं यदि इस पूरे मामले की निष्पक्ष जांच नहीं होती और दोषियों पर कोई कार्यवाही नहीं की जाती तो आशा कार्यकर्ताओं द्वारा कलेक्ट्रेट का घेराव कर उग्र आंदोलन किया जाएगा
तो कलेक्ट्रेट का घेराव कर उग्र आंदोलन करेंगे- राजेश वर्मा
वहीं इस पूरे मामले को लेकर की गई चर्चा के दौरान भारतीय मजदूर संघ के जिला अध्यक्ष राजेश वर्मा ने बताया कि कोविड सेंटर में आशा बहन के साथ जो हुआ है उस घटना की पूरी जानकारी आशा कार्यकर्ताओं ने भारतीय मजदूर संघ को दी है हमारी मांग है कि इस पूरे मामले की उच्च स्तरीय जांच की जानी चाहिए और दोषियों पर कार्यवाही की जानी चाहिए यदि हमारी यह मांग पूरी नहीं की जाती तो 14 सितंबर को भारतीय मजदूर संघ के बैनर तले जिले की लगभग 2200आशा कार्यकर्ता कलेक्टर कार्यालय का घेराव कर उग्र आंदोलन करेंगे जिसकी संपूर्ण जिम्मेदारी शासन प्रशासन की होगी।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here