इंदौर लोकसभा सीट में सबसे कम वोटिंग, 2019 के मुकाबले में 9 फीसदी की गिरावट, कांग्रेस ने चलाया था नोटा कैंपेन

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लोकसभा चुनाव के चौथे चरण में मध्य प्रदेश की 8 लोकसभा सीटों पर वोटिंग हुई। मध्य प्रदेश की 29 सीटों पर चुनाव हो चुके हैं अब लोगों को 4 जून का इंतजार है। 4 जून को ही लोकसभा चुनाव का रिजल्ट घोषित होगा। चौथे चरण में सबसे ज्यादा चर्चा इंदौर लोकसभा सीट की थी। यहां से कांग्रेस उम्मीदवार अक्षय कांति बम ने अपना नामांकन वापस ले लिया था जिसके बाद से यहां नोटा को लेकर कैंपेन चलाया जा रहा था। कांग्रेस ने किसी भी निर्दलीय उम्मीदवार का समर्थन नहीं किया था।

आठ लोकसभा सीट पर सोमवार शाम छह बजे मतदान समाप्त होने तक 71.72 प्रतिशत मतदान दर्ज किया गया। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, खरगोन में 75.79 प्रतिशत मतदान हुआ, इसके बाद देवास में 74.86 प्रतिशत, मंदसौर में 74.5 प्रतिशत, उज्जैन में 73.03 प्रतिशत, धार में 71.5 प्रतिशत, खंडवा में 70.72 प्रतिशत और इंदौर में 60.53 प्रतिशत मतदान हुआ। अधिकारी ने बताया कि खरगोन में सबसे अधिक 75.79 प्रतिशत मतदान हुआ, जबकि इंदौर में सबसे कम 60.53 प्रतिशत मतदान हुआ।

यह अस्थायी आंकड़े हैं
राज्य के मुख्य निर्वाचन अधिकारी (सीईओ) अनुपम राजन ने कहा, ‘‘ये अस्थायी आंकड़े हैं और अंतिम संकलन के बाद इसमें बढ़ोतरी होगी।’’ चौथे चरण के चुनाव के फाइनल आंकड़े मंगलवार तक जारी हो सकते हैं। फिलहाल इंदौर लोकसभा सीट में सबसे कम वोटिंग हुई है। यह चर्चा का विषय बना हुआ है। इस सीट पर 2019 के मुकाबले में करीब 9 फीसदी कम वोटिंग हुई है।

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