इस्लामाबाद : पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान (Imran Khan) ने अफगानिस्तान (Afghanistan) में जारी उथल-पुथल के समाधान के लिए अपना सुझाव पेश किया है। उन्होंने कहा कि अमेरिका (America) ने ‘इस देश में चीजों को जटिल बना दिया’। खान ने कहा कि इस समस्या का केवल राजनीतिक समाधान निकल सकता है। यह समाधान ‘समावेशी’ हो और शांति प्रक्रिया के लिए होने वाली बातचीत में तालिबान (Taliban) को शामिल किया जाना चाहिए। ट्रिब्यून की रिपोर्ट के मुताबिक पाकिस्तान के पीएम ने जूडी वुड्रफ के कार्यक्रम पीबीएस न्यूजऑवर में अपनी यह राय जाहिर की।
सैन्य ताकत से नहीं हो सकता समस्या का समाधान-इमरान
रिपोर्ट के मुताबिक इमरान खान ने कहा कि अफगानिस्तान में जो समस्या है, उसका समाधान सैन्य ताकत के इस्तेमाल नहीं हो सकता। अमेरिका ने ‘अफगानिस्तान में चीजों को पहले ही जटिल और चुनौतीपूर्ण बना दिया है।’ उन्होंने कहा, ‘मेरे तरह के लोग जो यह कहते आए हैं कि इस समस्या का समाधान सैन्य तरीके से नहीं निकल सकता। इस बात के लिए हमें अमेरिका-विरोधी कहा गया…अंत में जब उन्हें लगा कि इस समस्या का सैन्य हल नहीं है तो अमेरिका एवं नाटो वहां से जाने लगे।’
सरकार में तालिबान को शामिल किया जाना चाहिए
यह पूछे पर जाने कि क्या अफगानिस्तान के लिए तालिबान अच्छा है, इस पर इमरान ने कहा कि वहां अभी जा हालात बने हुए हैं उनका शांतिपूर्ण हल ढूंढने के लिए तालिबान को सरकार में शामिल किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा, ‘अफगानिस्तान के लिए गृह युद्ध बेहद खराब होगा। यह सबसे बुरी स्थिति होगी।’ खान ने कहा कि अफगानिस्तान में यदि गृह युद्ध शुरू हो जाता है तो पाकिस्तान में शरणार्थी संकट बढ़ जाएगा।
गृह युद्ध की स्थिति में पाक में बढ़ेगा शरणार्थी संकट
इमरान ने कहा, ‘पाकिस्तान में पहले से ही तीस लाख शरणार्थियों ने जगल ली हुई है। अफगानिस्तान में लंबे समय तक गृह युद्ध के चलने पर पाकिस्तान में बड़ी आना शुरू होंगे। हमारे आर्थिक हालात ऐसे नहीं हैं कि हम एक बड़े शरणार्थी संकट का सामना करें।’










































