उमरिया के भद्रशिला तालाब में आराम करता नजर आया बांधवगढ़ का बजरंग

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जंगल से गुजरती है सड़क : दरअसल यह क्षेत्र बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के मगधी जोन का हिस्सा है और सड़क से लगा हुआ है। स्टेट हाईवे के किनारे एक विशाल तालाब है जिसका नाम भद्रशिला तालाब है। भद्रशिला तालाब के बारे में यह कहा जाता है यह चाहे कितनी भी गर्मी पड़े कभी नहीं सूखता। यही कारण है कि इस तालाब के आसपास अक्सर जंगली जानवर नजर आते हैं। यहां बाघों का जोड़ा भी दिखाई देता है और चीतल सांभर सहित दूसरे वन्य प्राणी भी अक्सर नजर आते हैं।

दोपहर में दिखा : गुरुवार की दोपहर में जब लोग यहां से गुजर रहे थे तो उन्होंने देखा कि बाघ बजरंग तालाब के पानी के अंदर बैठा हुआ है बाघ को देखने के लिए यह लोगों के वाहन रुकने लगे और कुछ ही देर में अच्छी खासी भीड़ जुट गई। लगभग 2 से ढाई घंटे तक बजरंग पानी के अंदर बैठा रहा। इसके बाद उठकर वह जंगल के अंदर चला गया। कुछ देर बाद वह फिर यहां आकर बैठ गया।

लोगों की लगी भीड़ : इस दौरान वन विभाग के कर्मचारियों ने यह रुकने वाले वाहनों को रवाना कर दिया और किसी को भी रुकने से मना करने लगे। दरअसल यहां बाघों को देखकर लोगों की अच्छी खासी भीड़ इकट्ठा हो गई थी। ना सिर्फ लोग वाहन के अंदर बैठकर बाघ को देख रहे थे बल्कि दो पहिया वाहन चालक तो सड़क पर खड़े होकर बाघ देख रहे थे। ऐसे में उन पर किसी भी तरह का खतरा हो सकता था। यही कारण है कि वन विभाग के लोगों ने यहां भीड़ नहीं लगने दी और लोगों को यहां से लौटा दिया।

बनाया वीडियो : इस बीच कुछ लोगों ने बजरंग का वीडियो बना लिया जो काफी तेजी से वायरल हुआ। इस वीडियो में बजरंग साफ तौर से दिखाई दे रहा है कि वह पानी के अंदर बैठा हुआ है। गर्मी तेज पड़ने के कारण बजरंग को पानी के अंदर बैठना शायद बहुत अच्छा लग रहा था। इसलिए वह काफी देर तक पानी में बैठा रहा। वीडियो में यह भी दिखाई दे रहा है कि बजरंग अपनी तरफ देख रहे लोगों को देख रहा है।

लोगों के लिए अद्भुत नजारा : उमरिया के विश्व प्रसिद्ध बांधवगढ़ टाइगर रिसर्व में गुरुवार को दोपहर बाद दिखा यह अनोखा नजारा था। लोगों को देखने को मिला कि जहां बाघ और चीतलों का झुंड एक साथ है। उमरिया ताला मार्ग में पार्क के कोर एरिया स्थित भद्रशिला तालाब में पहले भी लोगों ऐसा नज़ारा देखा है। जहां तालाब के किनारे पानी में पार्क के प्रसिद्ध का बाघ बजरंग आराम फरमाते नजर आया वहीं समीप ही हिरणों का झुंड भी बेफ्रिकी में घूमता नजर आया। इस नजारे को जिसने भी देखा उसने दांतो तले उंगलियां दबा लीं। बाघ और हिरण के बीच 36 का आंकड़ा माना जाता है क्योंकि बाघ का प्रिय भोजन चीतल है जिसे देखते ही वह उसका शिकार करने लगता है। वन्य जीव विशेषज्ञों की माने तो बाघ शिकार तभी करता है जब उसे भूख लगती है अन्यथा की स्थित में वह किसी के ऊपर हमलावर नहीं होता। बजरंग नाम का यह बाघ बांधवगढ़ का सबसे प्रसिद्ध बाघ है जिसे देश एवं विदेश के पर्यटक बड़े उत्साह के साथ देखना पसंद करते हैं। इस बाघ पर वन्य जीव प्रेमियों द्वारा कई फिल्में भी बनाई जा चुकी हैं।

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