उसूलों के साथ कोई समझौता नहीं… अदिति सिंह ने दिखाए तेवर, रायबरेली भाजपा में क्या सब सही चल रहा?

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उत्तर प्रदेश के रायबरेली लोकसभा सीट पर भारतीय जनता पार्टी उम्मीदवार दिनेश प्रताप सिंह के लिए चुनौतियां कम नहीं हो रही है। एक तरफ कांग्रेस राहुल गांधी को चुनावी मैदान में उतार चुकी है। उनके पक्ष में प्रियंका गांधी वाड्रा लगातार माहौल बनाने का प्रयास करती दिख रही हैं। वहीं, भाजपा उम्मीदवार दिनेश प्रताप सिंह राहुल गांधी को कड़ी चुनौती देने की बात कर रहे हैं। उन्हें पार्टी के भीतर ही अंतर्विरोध का सामना करना पड़ रहा है। ताजा मामला अदिति सिंह के एक पोस्ट के बाद गहराया है। यूपी चुनाव 2022 से पहले कांग्रेस से भारतीय जनता पार्टी में आने वाली अदिति सिंह ने सोशल मीडिया एक पर एक पोस्ट किया। इसमें वह अपने पिता अखिलेश प्रताप सिंह के साथ दिख रही हैं। फोटो के साथ उन्होंने पोस्ट में लिखा है, ‘उसूलों के साथ कोई समझौता नहीं’। अभी इस पर रायबरेली के चुनावी मैदान में राजनीतिक विवाद गहरा गया है।

नाराज बताई जा रही हैं अदिति

दिनेश प्रताप सिंह को रायबरेली से उम्मीदवार बनाए जाने के बाद से अदिति नाराज बताई जा रही हैं। रायबरेली सीट से विधायक अदिति सिंह अब तक लोकसभा चुनाव के मैदान में दिनेश सिंह के मंच पर नहीं दिखी हैं। इसको लेकर लगातार सवाल उठाए जाते रहे हैं। लेकिन, अब अदिति सिंह के ट्वीट ने दोनों परिवारों के बीच की पुरानी अदावत को एक बार फिर जमीन पर ला दिया है। हालांकि, अदिति सिंह भाजपा का समर्थन करती और पीएम नरेंद्र मोदी की रैलियों और भाषणों को रीपोस्ट करती दिख रही हैं।

दिनेश सिंह के बेटे ने किया पलटवार

अदिति सिंह के पोस्ट पर अब दिनेश सिंह के बेटे पीयूष प्रताप सिंह की प्रतिक्रिया सामने आई है। उन्होंने एक्स पर पोस्ट करते हुए लिखा कि रामकाज में उसूलों को न्योता नहीं. इज्जत भी मिलेगी तरीफे भी मिलेंगी. मेहनत करके तो देखो आपको कामयाबी भी मिलेगी. सीता राम! अब इस पोस्ट पर विवाद शुरू हो गया। रायबरेली में भाजपा की स्थिति को बेहतर बनाने के लिए डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक को जिम्मेदारी दी गई। वे लगातार रायबरेली का दौरा कर रहे हैं। लेकिन, पार्टी का अंदरूनी कलह खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है।

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