एआई/इंटरनेट नींद की गुणवत्ता समझने में करता है मदद नींद को मापने या जांचने के बेहद कम तरीके उपलब्ध

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प्रत्येक व्यक्ति को नींद आती है, लेकिन नींद का पैटर्न कैसे बदल रहा है या नींद की गुणवत्ता कैसी है, इसे मापने या जांचने के बेहद कम तरीके उपलब्ध हैं। ऐसे में एआई/इंटरनेट नींद का समय और गुणवत्ता दोनों को समझने में मदद कर सकता है। मनुष्य के स्वास्थ्य के लिए नींद मौलिक आवश्यकता है। सभी के लिए नींद बेहद निजी पल होता है, ऐसे में नींद के घंटों या उसकी गुणवत्ता को मापने के तरीके बहुत कम हैं।
लोगों की नींद मापने के मौजूदा तरीकों में डायरी, नींद से जुड़े सर्वेक्षण, नींद से जुड़ी प्रयोगशालाएं और आधुनिक तकनीकी उपकरण शामिल हैं। लेकिन इनमें से कोई भी नींद के संबंध में सटीक जानकारी नहीं दे पाता है। मोनाश यूनिवर्सिटी द्वारा किए गए अध्ययन में एक अलग सवाल किया गया है- जब हम इंटरनेट से कनेक्ट और डिसकनेक्ट होते हैं तो, क्या नींद को समझने के लिए अनुसंधानकर्ता इस संबंध में उपलब्ध व्यापक डेटा का उपयोग कर सकते हैं? इंटरनेट उपयोक्ता जब दिन में ऑनलाइन या ऑफलाइन होते हैं, उसके आधार पर मानव व्यवहार के चक्र को समझा जा सकता है।
उपयोक्ता दिन में जब सबसे ज्यादा इंटरनेट का उपयोग करते हैं, शाम को भी इंटरनेट पर गतिविधियां ज्यादा होती हैं और देर रात से लेकर तड़के तक इसमें बहुत कमी आती है, यह सबकुछ डेटा की मदद से देखा जा सकता है। लेकिन, हमेशा ऐसा नहीं होता है, यह चक्र सप्ताह के दिनों के आधार पर भी बदलता रहता है, जैसे शुक्रवार की रात इंटरनेट का उपयोग बढ़ जाता है। लोगों का घर में रहना भी एक कारक है। घर में रहते हुए लोग ज्यादा देर तक ऑनलाइन रहते हैं, और अगर पारंपरिक मुस्लिम क्षेत्रों में देखें तो रमजान के दौरान ऑनलाइन गतिविधियां कम हो जाती हैं। मोनाश यूनिवर्सिटी के अध्ययन में अमेरिका के 81 शहरों का छह साल से भी ज्यादा समय का सर्वेक्षण आंकड़ा शामिल किया गया है। इस आंकड़े की तुलना इंटरनेट गतिविधियों से प्राप्त डेटा से की गई है।

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