बालाघाट (पद्मेश न्यूज)। 13 अक्टूबर को कोरोना संक्रमण से पीडि़त शहर के भटेरा चौकी निवासी गजेंद्र सिंह ठाकुर उर्फ मुन्ना ठाकुर का इलाज के लिए गोंदिया ले जाते समय निधन हो गया। 56 वर्षीय मुन्ना ठाकुर अपने पीछे भरा पूरा परिवार छोड़ गए 2 पुत्र एक पुत्री, पत्नी बड़े भाई उत्पान सिंह ठाकुर, भाजपा नेता सुरजीत सिंह ठाकुर, सुशील ठाकुर सहित भरा पूरा परिवार छोड़ कर चले गए। कोरोना जिले के भीतर लगातार विकराल रूप लेता जा रहा है बावजूद इसके जिलेवासी इस भयावह महामारी को समझ नहीं पा रहे हैं और लगातार लापरवाही बरत रहे हैं।
एक दिन पहले ही हुआ है 17 आईसीयू बेड का लोकार्पण
इस खबर के साथ एक खबर और बताना इसलिए जरूरी समझ रहे हैं क्योंकि 12 अक्टूबर को मतलब आज से ठीक 1 दिन पहले मध्य प्रदेश शासन के आयुष मंत्री रामकिशोर कावरे और जिला प्रशासन ने मिलकर बड़ी धूमधाम से एक करोड़ 30 लाख रूपए की लागत से बने जिला अस्पताल स्थित कोविड आईसीयू के 17 बेड का लोकार्पण किया गया था और यह दावा किया गया था कि 12 अक्टूबर की शाम से जिलेवासियों को क्रिटिकल स्थिति में नागपुर गोंदिया छिंदवाड़ा जबलपुर या किसी अन्य महानगर इलाज कराने जाने की जरूरत नहीं है। शायद इसी उम्मीद के साथ भाजपा नेता सुरजीत सिंह ठाकुर अपने चाचा मुंन्ना ठाकुर को इलाज के लिए जिला अस्पताल स्थित आईसीयू लेकर आए, लेकिन जब उन्होंने यहां का नजारा देखा तो वे दंग रह गए। 1 दिन पहले जिन 17 आईसीयू बेड का उद्घाटन हुआ था उसमें 13 अक्टूबर को ताला लगा हुआ था।
भाजपा नेता सुरजीत सिंह ठाकुर ने लगाए प्रशासन पर गंभीर आरोप
इस बात के लिए सुरजीत सिंह ठाकुर ने जिला प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि जिला प्रशासन के अधिकारियों द्वारा शासन के नुमाइंदों को गलत जानकारी दी गई। झूठ का पुलिंदा तैयार किया गया और बिना किसी तैयारी के आईसीयू बेड का लोकार्पण कर दिया गया। हमारे जिम्मेदार जनप्रतिनिधि के माध्यम से जिला प्रशासन और अस्पताल प्रशासन द्वारा आईसीयू वार्ड का उद्घाटन कराया गया और उसका प्रचार भी कराया गया कि अब गंभीर मरीजों को इलाज के लिए छिंदवाड़ा नागपुर नहीं जाना पड़ेगा। आज स्वयं मेरे परिवार के चाचा कोविड पॉजीटिव्ह आने से सांस लेने में तकलीफ होने पर जिला अस्पताल ले जाया गया। लेकिन यहां के आईसीयू वार्ड में वेंटिलेटर जैसी सुविधा उपलब्ध नहीं हो पाई। भले ही आज हमारी सरकार हो लेकिन हमारी जिम्मेदारी बनती है आम जनों को सुविधा मिले। श्री ठाकुर ने कहा कि यह काफी समय से देखने मिल रहा है कोविड सैंटरो में वेंटिलेटर तो उपलब्ध करवाए जाते हैं लेकिन उन सेंटरों में वेंटीलेटर का उपयोग कहीं पर भी नहीं हुआ, क्योंकि इसको ऑपरेट करने वाले विशेषज्ञ टेक्नीशियन और विशेषज्ञ चिकित्सक मौजूद नहीं है इसकी हम सबने चिंता करनी चाहिए ताकि जिले में ही गंभीर मरीजों को उपचार मिले।
न ही विशेषज्ञ ऑपरेटर और ना ही विशेषज्ञ चिकित्सक उपलब्ध
स्वास्थ्य विभाग के सूत्रों से मिल रही जानकारी के अनुसार जिले के भीतर आईसीयू मशीन आईसीयू वार्ड ऑपरेट करने के लिए कोई विशेषज्ञ ऑपरेटर और चिकित्सक नहीं है ऐसी स्थिति में मध्यप्रदेश शासन और जिला प्रशासन द्वारा 1 करोड़ 30 लाख रुपया खर्च कर जिला अस्पताल में 17 बेड का आईसीयू तैयार तो कर दिया गया लेकिन अभी यह किस काम का है यह तो आने वाला समय ही बताएगा। जरूरत पडऩे पर 13 अक्टूबर को वह एक व्यक्ति की जान नहीं बचा सका, ना जाने और कितने दिन तक बालाघाट वासियों को इस आईसीयू बेड के लिए इंतजार करना पड़ेगा।