बालाघाट (पद्मेश न्यूज)। शहर के त्रिपुरसुंदरी मंदिर से लगे मध्य प्रदेश राज्य परिवहन निगम के बस डिपो के निकट स्थित मेहरा तालाब के विषय में एनजीटी में लगाई गई याचिका पर 30 सितंबर को न्यायालय ने पेशी के दौरान जिला प्रशासन और नगर पालिका से इस विषय पर जानकारी ली। एनजीटी द्वारा इस विषय पर नगरपालिका को तलब किए जाते हैं नपा प्रशासन द्वारा तत्काल ही इस विषय को संज्ञान में लिया गया और सीएमओ द्वारा बूढ़ी स्थित इस तालाब का निरीक्षण किया गया। नपा प्रशासन का कहना है कि इस तालाब को संवारने के लिए बेहतर प्रयास किए जाएंगे, तालाब को गंदगी से मुक्त किया जाएगा तथा इसका स्वरूप सुंदर बनाने प्लांटेशन कार्य भी चारों ओर किया जाएगा।
जिला प्रशासन ने भी माना तालाब में 16 लोगों ने अतिक्रमण किया
कलेक्टर बालाघाट और मध्यप्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की कमेटी बनाई गई थी जिनको अपना पक्ष न्यायाधिकरण के समक्ष प्रस्तुत करने कहा गया था उस कमेटी ने अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत की है उसमें उन्होंने माना है कि तालाब में 16 लोगों द्वारा अतिक्रमण किया गया है। पोलूशन कंट्रोल बोर्ड के अनुसार इस तालाब में बहुत अधिक गंदगी डाली जा रही है। इस कारण जिला प्रशासन को जल्द से जल्द नगर पालिका को नोटिस जारी करने के भी निर्देश दिए गए हैं। यही नहीं इस तालाब को संरक्षित करने और साफ-सफाई रखने के लिए भी निर्देशित किया गया है।
कलेक्टर ने लिया था संज्ञान
यह भी बताएं कि पिछले वर्ष इस तालाब को संरक्षित करने के लिए कलेक्टर दीपक आर्य द्वारा प्रयास प्रारंभ किए गए थे, तथा इसको लेकर है उनके निर्देश पर नगर पालिका द्वारा कुछ कार्य करवाते हुए गहरीकरन किया गया था। लेकिन इस तालाब में जिस प्रकार से गंदगी व्याप्त है और आसपास के क्षेत्र की गंदगी जो आते जा रही है उसको देखते हुए इस कार्य को जनता द्वारा नाकाफी बताया गया है।
इच्छाशक्ति की कमी के कारण है तालाब का बुरा हाल – द्वारकानाथ चौधरी
एनजीटी में याचिका लगाने वाले द्वारकानाथ चौधरी ने बताया कि लोगों के घरों से निकला हुआ दूषित पानी बूढ़ी के तालाब में जाता है जिससे तालाब का पानी दूषित हो गया है, जिसको लेकर माननीय न्यायाधिकरण द्वारा मध्यप्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को तालाब को प्रदूषित किए जाने के संबंध में नगर पालिका बालाघाट को शोकाज नोटिस जारी करने कहा गया है, साथ ही इस तालाब को संरक्षित करने और इसके साफ सफाई करने के निर्देश भी जारी किए गए हैं जिसके संबंध में अगली पेशी 19 नवंबर को है। श्री चौधरी ने कहा कि जितने भी न्यायालय है आदेश जारी कर अपना काम बखूबी करते हैं लेकिन उन आदेशों का पालन करना स्थानीय प्रशासन और नगरीय निकाय की जिम्मेदारी होती है, लेकिन यहां यह लगातार देखा जाता है कि स्थानीय प्रशासन और नगरीय निकाय में इच्छाशक्ति की कमी है यह नहीं चाहते कि ऐसे तालाबों को संरक्षित किया जाए।
अतिक्रमण हटाने की कार्यवाही नियमानुसार की जाएगी – सीएमओ
इस संदर्भ में चर्चा करने पर नगरपालिका के सीएमओ सतीष मटसेनिया ने बताया कि एनजीटी द्वारा इस बात के लिए निर्देशित किया गया है कि शहर में जो भी जल स्रोत हैं उन्हें दूषित नहीं करना है इसके लिए उनके द्वारा इंजीनियर को निर्देशित किया गया है और जल्द ही इस विषय पर जानकारी ली जाएगी। इस तालाब में जहां जहां से पानी उसमें गंदा मिल रहा है उसको बंद किया जाएगा और तालाब में जो गंदगी आ गई है उसमें साफ करने की कार्यवाही चल रही है वहां चारों तरफ से प्लांटेशन करवाया जाएगा तथा फेंसिंग लगाई जाएगी ताकि वहां कोई अतिक्रमण न कर सके। वहां से अतिक्रमण हटाने की कार्यवाही नियमानुसार की जाएगी।