ऐसा भी होता है…. जो इंसान जिंदा है जिसे बकायदा सरकारी पेंशन मिल रही है। मगर वो जमीन जायदाद के मामले में मृत घोषित पाया जाता है। ऐसे ही एक वृध्द है जो खैरलांजी जनपद पंचायत अंर्तगत आने वाली खैरी पंचायत के तुमसरे निवासी है। जिनका नाम पांडऱंग भागवत है। जो पेशे से शिक्षक रहे है और रिटायर्ड होने के बाद पेंशन पा रहे है मगर उनकी चचेरी बहनों ने उनकी ३ एकड़ जमीन पर उन्हे मृत बताकर उनकी जमीन अपने नाम कर ली है। जिसकी शिकायत उनके द्वारा पहले तहसील कार्यालय खैरलांजी, फिर वारासिवनी अनुविभागीय अधिकारी राजस्व के अलावा जिलाधीश को पूर्व समय की गई थी। मगर किसी प्रकार का हल न निकलने पर उनके द्वारा इस मामले को वारासिवनी एसडीएम कोर्ट में दाखिल किया है। उनका सीधा आरोप है कि मेरे साथ मेरी चचेरी बहनों ने मुझे मृत बताकर जो कृत्य किया है यह अमानत में खयानत का मामला है।
फोटो पांडुरंग
जिंदा हूूॅ फिर भी बहनों ने की धोखाधड़ी – पांडुरंग भागवत
पद्मेश को जानकारी देते हुये पांडुरंग भागवत ने बताया कि वे एक रिाटायर्ड शिक्षक है जिन्हे वर्तमान में पेंशन भी मिल रही है। मगर मेरी चचेरी बहनों ने मेरे साथ धोखाधड़ी करते हुये मेरी जो जमीन मेरी मॉ के नाम पर थी उसे मुझे मृत बताते हुये अपने नाम करवा ली है। जिसकी शिकायत मेरे द्वारा हर जगह की गई है। २० जून को में इसी संबंध में तहसील कार्यालय आया था जहा मेरी अनुविभागीय दण्डाधिकारी की कोर्ट में पेशी थी वही मेड़म को भी उक्त प्रकरण की सम्पूर्ण जानकारी देनी थी। जिसके लिये में वारासिवनी तहसील कार्यालय आया था।
मॉ के नाम से खरीदी थी जमीन
श्री पांडुरंग भागवत ने बताया कि मेरे साथ मेरी चचेरी बहनों ने धोखाधड़ी करते हुये जो जमीन मेने अपने चाचा से अपनी मॉ के नाम खरीदकर की थी। मेरी मॉ की मृत्यु हो चुकी है। उसी जमीन को उन लोगो ने मुझे मृत बताकर अपने नाम कर लिया है अब में यह चाहता हूॅ कि मेरी जमीन मेरे नाम पर हो। इस कार्य में पूर्व सरपंच, सचिव व तहसीलदार खैरलांजी की मिली भगत है जिसकी वजह से में ७८ वर्ष होने के बाद भी अपनी जमीन को पाने की कोशिश कर रहा हूॅ। मैने सम्पूर्ण दस्तावेज भी एसडीएम मेडम को दिखा दिये है अब देखना है कि न्याय कब मिलता है।
आज भी उन्हे माना जा रहा मृत
गौरतलब है कि इस तरह के प्रकरण जिले में अन्यत्र तहसील में भी हुये है। जिसके तहत जिंदा व्यक्ति को मृत घोषित कर दिया गया है। जो आज भी शासन प्रशासन को अपने जिंदा होने के प्रमाण पत्र दे रहे है मगर समय पर न्याय न होने की वजह से उन्हे मृत ही माना जा रहा है। जबकि इस मामले में पांडुरंग भागवत प्रत्येक माह शिक्षा विभाग से रिटायर्ड होने के बाद भी पेंशन प्राप्त कर रहे है।
इनका कहना है –
इस मामले में मौखिक चर्चा करते हुये पद्मेश को अनुविभागीय अधिकारी राजस्व सुश्री कामनी ठाकुर ने बताया कि वे मेरे पास आये थे। जिसके बाद मैने संबंधित सम्पूर्ण रिकार्ड खैरलांजी से बुलाकर उनका अवलोकन करने का उन्हे आश्वासन दिया है।
कामनी ठाकुर अनुविभागीय अधिकारी वारासिवनी