काग्रेसी पार्षदों ने किया नगर पालिका में विधायक अनुभा मुंजारे का स्वागत अभिनंदन हमें दलगत राजनीति से ऊपर उठकर करना होगा काम – अनुभा मुंजारे

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नगर पालिका बालाघाट में काग्रेसी पार्षदों ने नवनिर्वाचित विधायक अनुभा मुंजारे का स्वागत अभिनंदन कार्यक्रम आयोजित किया, जिसमें नगर पालिका के समस्त अधिकारी कर्मचारी प्रमुख रूप से उपस्थित रहे, जिसमें नवनिर्वाचित विधायक अनुभा मुंजारे द्वारा कहा गया कि हमें दलगत राजनीति से ऊपर उठकर काम करना है और वह कभी यह बर्दाश्त नहीं करेंगी की कोई पार्षद दुर्भावना वश किसी वार्ड के विकास काम को रोके और यह आरोप लगाए की , विधायक कांग्रेस की है और काम नहीं हो रहा है, तो इसमें हमारी कोई गलती नहीं, क्योंकि नगर के विकास में नगर पालिका पूरा सहयोग करें

आपको बता दे की 27 दिसंबर को नगर पालिका में काग्रेसी पार्षदों द्वारा बालाघाट विधानसभा की नवनिर्वाचित विधायक अनुभा मुंजारे का स्वागत अभिनंदन कार्यक्रम आयोजीत किया गया, इस कार्यक्रम में समस्त कांग्रेसी पार्षद सहित नगर पालिका के अधिकारी कर्मचारी उपस्थित हुए, जिसमें कार्यक्रम की शुरुआत नगर पालिका के कर्मचारियों द्वारा विधायक अनुभा मुंजारे का पुष्प गुछ देकर स्वागत किया गया, उसके बाद सभी ने बारी बारी से अपने-अपने वक्तव्य कार्यक्रम में रखें , उसके बाद अंत में कार्यक्रम को संबोधित करते हुए नवनिर्वाचित विधायक अनुभा मुंजारे द्वारा कहा गया, कि हमें दलगत राजनीति से ऊपर उठकर काम करना है, और वह कभी यह बर्दाश्त नहीं करेगी की कोई इस प्रकार के आरोप लगाए की , वह कांग्रेस पार्टी के पक्ष का पार्षद है, इसलिए उनके वार्ड में काम नहीं हुआ, तो हम क्या करें, उन्होंने कहा कि नगर विकास के काम में नगर पालिका पूरा सहयोग करें, उन्होंने शायराना अंदाज में यह भी कहा कि जिनकी सोच छोटी होती है ,वह कभी आसमान की ऊंचाइयों को नहीं छुता और जिसकी सोच बड़ी होती है वह जमीन से चलकर आसमान को छूता है और उन्होंने आगे कहा कि आज नगर पालिका के द्वारा जो भी अपने स्तर पर स्वागत किया है वह स्वागत के योग्य है, लोकतंत्र में पक्ष और विपक्ष दोनों होना चाहिए किंतु , यह चुनाव के बाद समाप्त हो जाना चाहिए, और सभी को मिलकर दलगत राजनीति से ऊपर उठकर काम करना चाहिए, किंतु यहां समझदारी की कमी है, और इन्हें इतिहास पढ़ाया जाना चाहिए, और इन्हें लोकतंत्र का अर्थ बताना चाहिए, और इन्हें समाजवाद की परिभाषा बताई जानी चाहिए ,पर उतनी समझ हो तभी हम किसी को समझ सकते हैं, और उन्होंने कहा कि लोकतंत्र में तो पक्ष विपक्ष होता ही है किंतु यदि हम अपनी छोटी सोच लेकर चलते हैं तो फिर हम क्या विकास की बात करेंगे , और क्या जनता का विकास करेंगे वहीं उन्होंने नगर पालिका के अध्यक्ष, उपाध्यक्ष को कहा कि उन्हें भी इतनी समझदारी होनी चाहिए कि वह भी जनता के द्वारा चुने गए हैं और यदि मन मे कपट लेकर चलेंगे, तो इससे कहीं ना कहीं अपना नहीं जनता का नुकसान करेंगें ,और यह बात को सोचना पड़ेगा और अपनी जवाबदारी सुनिश्चित करनी पड़ेगी, वहीं उन्होंने पक्ष और विपक्ष पर विधानसभा का उदाहरण देते हुए कहा कि जब वह हाल ही में हुई विधानसभा से लौटकर आई है और वहां पर आज जो बड़े नेता है वह यह नहीं सोचते कि कौन पक्ष का है कौन विपक्ष का है, भले ही वह विधानसभा में कुछ समय के लिए एक दूसरे से बहस करते हैं किंतु वहां से निकलने के बाद, बड़े नेता यह नहीं देखते कि कौन किस पार्टी का है और वह सभी के साथ समान व्यवहार करते हैं, और बड़े नेता से हम सबको आज सीखने की आवश्यकता है ,उसके बाद सभी विपक्ष के कांग्रेसी पार्षदों द्वारा विधायक महोदय को अपनी लंबित मांगों को लेकर एक ज्ञापन दिया गया और कार्यक्रम का समापन किया गया

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