केरल सहित इन राज्यों में ‘आर-वैल्यू’ में इजाफा, बढ़ रहा तीसरी लहर का खतरा, जानिए क्यों?

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देश में केरल, महाराष्ट्र सहित उत्तर पूर्वी राज्यों में एक बार फिर से कोरोना संक्रमण के मामले बढ़ रहे हैं। देश के कई राज्यों में कोरोना कोरोना वायरस संक्रमण के फैलने की रफ्तार का संकेत देने वाले ‘आर-वैल्यू’ में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। केरल और पूर्वोत्तर के राज्यों में Covid-19 R Value फिलहाल टॉप पर हैं और इस कारण तीसरी लहर आने का खतरा मंडराने लगा है। केरल में कोरोना संक्रमित एक्टिव मरीजों की संख्या सबसे अधिक है, इस कारण केरल में Covid-19 R Value 1.11 के करीब बनी हुई है।

पुणे और दिल्ली में R Value एक के करीब

चेन्नई के गणितीय विज्ञान संस्थान के शोधकर्ताओं ने बताया है कि पुणे और दिल्ली में Covid-19 R Value एक के करीब है। अनुसंधानकर्ता सीताभ्र सिन्हा ने बताया कि भारत के उपचाराधीन मरीजों की संपूर्ण संख्या में काफी उतार-चढ़ाव हो रहा है, लेकिन आंकड़े एक करीब मान (वैल्यू) रहने की ओर इशारा कर रहे हैं। केरल में फिलहाल एक्टिव मरीजों की संख्या सबसे ज्यादा है, इसलिए वहां आर वैल्यू लगातार 1.11 के करीब बनी हुई है। भारत के अन्य राज्यों में उत्तराखंड में आर-वैल्यू इन दिनों एक के काफी करीब है।

जानिए क्या होता है Covid-19 R Value

आर-वैल्यू कोरोना वायरस के फैलने की क्षमता को दिखाता है। इसके जरिए यह जानकारी औसतन प्राप्त होती है कि एक कोरोना संक्रमित व्यक्ति कितने लोगों को संक्रमित कर सकता है। आर या ‘प्रभावी रिप्रोडक्शन नंबर’ एक अनुमान होता है कि संक्रमण कितनी तेजी से फैल रहा है। इस संख्या से यह जानकारी हासिल होती है कि औसतन कितने लोगों के एक कोविड संक्रमित व्यक्ति से पॉजटिव होने की संभावना होती है। महामारी के खत्म होने के लिए R Value 1 से नीचे होना जरूरी है।

ऐसे की जाती है R Value की गणना

आर-वैल्यू 0.95 होने का अर्थ है कि प्रत्येक 100 संक्रमित व्यक्ति औसतन 95 दूसरे लोगों को संक्रमित करेंगे। ऐसे में यदि Covid-19 R Value एक से कम है तो नए संक्रमित लोगों की संख्या इससे पूर्व की अवधि में संक्रमित हुए लोगों की संख्या से कम होगी। इसका सामान्य अर्थ यह है कि कोरोना संक्रमण के मामले घट रहे हैं। R Value जितनी कम होगी, महामारी उतनी जल्दी ही खत्म होगी।

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