वारासिवनी(पद्मेश न्यूज)। जनपद पंचायत खैरलांजी के विकास कार्यों एवं प्रशासनिक कार्यालय के निर्माण स्थल को मुख्यालय के बाहर चयनित करने के विषय पर पूर्व जिला पंचायत सदस्य रामकुमार नगपुरे एवं अन्य जनप्रतिनिधियों के द्वारा श्री नगपुरे के कार्यालय में 24 सितंबर को प्रेसवार्ता का आयोजन किया गया। यह प्रेसवार्ता 50 बेड अस्पताल, आईटीआई, एसडीएम कार्यालय, बिजली कटौती और कार्यालय प्रमुख का निवास मुख्यालय मैं होने सहित अन्य विषय को लेकर आयोजित की गई। जिसमें उनके द्वारा खैरलांजी की रौनक बनाए रखने और सभी प्रशासनिक और सेवा के भवनों का निर्माण मुख्यालय के अंदर किए जाने की मांग करते हुए स्पष्ट कर दिया कि खैरलांजी मुख्यालय से छेड़छाड़ बर्दाश्त नहीं की जायेगी। इस अवसर पर गणमान्य जन मौजूद रहे।
पूर्व जिला पंचायत सदस्य रामकुमार नगपुरे ने प्रेसवार्ता को संबोधित करते हुए कहा कि क्षेत्र में जनचर्चा है और लगातार सुनाई आ रहा है कि प्रदेश सरकार के द्वारा खैरलांजी के विकास के लिए 50 बेड के अस्पताल, अनुविभागीय अधिकारी राजस्व कार्यालय, आईटीआई की सौगात दी गई है। परंतु सुनने में आ रहा है कि 50 बेड का अस्पताल जो है वह वर्तमान में स्थित अस्पताल के स्थान पर नहीं बनाए जाने वाला है। वही अनुविभागीय अधिकारी राजस्व कार्यालय भी वर्तमान तहसील कार्यालय के स्थान पर नहीं बनाया जाना है। जबकि वर्तमान का तहसील कार्यालय में 2 से 3 एकड़ जमीन है और वह खैरलांजी ब्लॉक है जनपद पंचायत भी यहां पर स्थित है तो यह भी यही बनना चाहिए। आईटीआई जहां बन रही है वहां 44 एकड़ जमीन है ठीक है परंतु यह अनुविभागीय अधिकारी कार्यालय एवं अस्पताल ग्राम किन्ही की तरफ बनाया जाना सही नहीं है। इस प्रकार से यह खैरलांजी की रौनक को खत्म करना चाह रहे हैं फिर मुख्यालय में बचेगा ही क्या हर किसी को परेशान होना पड़ेगा। सबसे ज्यादा मरीजों को क्योंकि उन्हें पैदल जाना पड़ेगा 2 किलोमीटर या रुपए देखकर ऑटो का खर्च वहन करना होगा जबकि अभी कोई भी व्यक्ति अपने उपचार के लिए मुख्यालय में आता है तो वह अस्पताल के सामने उतरता है और वहां से उसे भटकने की भी जरूरत नहीं पड़ती है। हमें जो समझ आ रहा है की मुख्यालय को बिगड़ने का कार्य हो रहा है और यह ठीक नहीं है।
श्री नगपरे ने कहा वर्तमान में जहां अस्पताल है वहां किसी को भटकना नहीं पड़ता है कोई भी अपने वाहन से आकर सीधा उपचार प्राप्त करता है। तहसील कार्यालय भी पास में है हर कोई सीधा तहसील कार्यालय के सामने उतरता है चाहे वह यात्री वाहन से भी आया होगा तो यह सब मुख्य मार्ग पर है। अस्पताल के डॉक्टर से भी हमने चर्चा करे थे जहां पर एक तरफ चार कमरे की और एक तरफ छह कमरे की बिल्डिंग बनी हुई है। जो अस्पताल का निर्माण होना है उसे दो भाग में किया जाएगा तो आसानी से वर्तमान स्थान पर ही अस्पताल का निर्माण हो सकता है। क्षेत्र में लंबे समय से देखने में आ रहा है कि खैरलांजी में जो प्रशासनिक तंत्र फिर चाहे जनपद तहसील स्वास्थ्य आंगनवाड़ी या बिजली विभाग का हो सभी के अधिकारी कर्मचारी या संस्था प्रमुख वारासिवनी बालाघाट से आना-जाना करते हैं। ऐसे में यदि एक संस्था प्रमुख एक दिन में 1000 रुपये शासन का खर्च करवाता है तो यहां पर हजारों रुपए सरकार के खर्च हो रहे हैं जिस पर शासन प्रशासन को ध्यान देना चाहिए। इनका निवास मुख्यालय में करवाना चाहिए और यह मुख्यालय में नहीं रहते हैं जिस कारण से बहुत ज्यादा समस्या हो रही है क्योंकि यह अपने कार्यालय लेट आते हैं तो आधिकारिक कर्मचारियों के ऊपर कोई नियंत्रण नहीं है। जिससे आम जनता को सबसे ज्यादा तकलीफ हो रही है।
भरत सिंह शिवहरे ने कहां की हमने सुना है कि अस्पताल बनने वाला है जिसमें पूर्व मंत्री एवं वर्तमान विधायक में होड़ मची है कि मैंने लाया है हमें वहां नहीं जाना है। हम चाहते हैं कि यह खैरलांजी के बाहर बनाया ना जाये मुख्यालय में बने क्योंकि सैकड़ो लोग गांव से आते हैं मुख्यालय में उतरते हैं। यहां यह बनना चाहिए परंतु किन्ही कॉलेज के बाजू में बनाने की बात सुनने में आई है जबकि पहले कॉलेज ही गलत जगह बनाया गया है 1 किलोमीटर अंदर जाना पड़ता है। उसके लिए राजीव सागर कॉलोनी का चयन किया गया था परंतु वहां पर बनाया नहीं गया अब ऑटो एवं बस से उतरकर पैदल जाना होता है। मरीज इस स्थिति में नहीं रहते कि वह इतना सफ़र कर सके यहां मुख्यालय में मरीज आसानी से उतरकर आना-जाना कर सकते हैं या कोई मोटरसाइकिल चला कर उपचार करा कर ले जा लेते हैं। अस्पताल यहां बने एसडीएम कार्यालय भी यही बने तहसील में बहुत जमीन है वहां जो क्वार्टर और भवन डिस्मेंटल हो गए हैं उनके हटाने से जमीन बढ़ेगी सब मुख्यालय में होना चाहिए। जैसा कलेक्ट्रेट कार्यालय में एक परिसर में सब है लोगों को परेशान होना ना पड़े यह बात जनप्रतिनिधि को सोचना पड़ेगा बिजली की बहुत ज्यादा समस्या है। शासकीय और प्राइवेट सभी प्रकार के काम प्रभावित हो रहे हैं कटौती के कारण काम नहीं हो पाते हैं बिजली करीब 20 घंटे तो रहनी चाहिए किंतु 12 घंटे भी मुश्किल दिख रही है। अभी यहां के किसी भी खास की कार्यालय में अधिकारी कर्मचारी समय पर नहीं आते हैं क्योंकि कार्यालय प्रमुख की समय पर नहीं आ पाते हैं यदि वह मुख्यालय में रहेंगे तो समय पर पहुंचेगी और लोगों की समस्या का निराकरण होगा। इसके लिए हम ज्ञापन कलेक्टर को भी देने वाले हैं पूर्व मंत्री प्रदीप जायसवाल वर्तमान विधायक विवेक पटेल को भी देंगे और खैरलांजी में दो विधायक है कटंगी विधायक गौरव पारधी भी है। यह मांगों पर सभी को गौर करना चाहिए क्योंकि यह हमारी नहीं क्षेत्र की जनता की मांग है यदि ऐसा नहीं हुआ तो जनता जो भी नेता ऐसा करेगा खैरलांजी मुख्यालय खाली करने का काम करेगा जनपद क्षेत्र में उसे घुसने नहीं देंगे विरोध आंदोलन चक्का जाम करेगी और उस नेता को सबक सिखाने का भी प्रयास करेंगे।