आयकर विभाग ने मध्य प्रदेश के शहडोल जिले में 33 एकड़ जमीन अटैच की है। यह जमीन उस व्यक्ति के नाम पर थी, जो गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाला और मनरेगा योजना में पंजीकृत था। इस मामले में लेन-देन को लेकर सिंघानिया ग्रुप का नाम आ रहा है।
जानकारी के अनुसार, बेनामी संपत्ति के इस मामले में आदिवासी समुदाय के इस व्यक्ति ने वर्ष 2000 से 2014 के बीच जमीनें खरीदीं। कई जमीनें प्राइम लोकेशन पर थीं। जब विभाग ने इस बारे में पड़ताल की तो पता चला कि जिस व्यक्ति के नाम पर 33 एकड़ जमीन खरीदने का रिकार्ड मिला है, वह बीपीएल कार्ड धारक है और मनरेगा योजना के तहत मजदूरी करने के लिए पंजीकृत है। इस जमीन का बाजार मूल्य करीब दस करोड़ रुपये है।
जांच के बाद विभाग ने हाल ही में यह संपत्ति अटैच कर ली है। यह प्रकरण स्वीकृति के लिए दिल्ली भेजा गया है। बताया गया है कि इस व्यक्ति के नाम खरीदी गई जमीन के लिए लेनदेन करने में सिंघानिया ग्रुप से जुड़े लोगों का नाम सामने आया है। इस ग्रुप के लोग सिविल कांट्रेक्टर हैं। विभागीय सूत्रों ने कार्रवाई की पुष्टि की है।