देशभर में सरकारी संपत्तियों के किए जा रहे निजीकरण का व्यापक असर अब बालाघाट नगर में भी तेजी से देखने को मिल रहा है।जहां लगातार खाली पड़ी शासकीय भूमि को चिन्हित कर उसे निजी हाथों में सौंपने की कार्यवाही की जा रही है।जिसके चलते उक्त शासकिय भूमि पर स्थित भवन, दुकान, मकान, उपयोग हीन अन्य शासकीय कार्यालय व अतिक्रमण हटाकर, उक्त शासकीय भूमि को निजी हाथों में सौंपा जा रहा है।जहां शासकीय भूमि का अधिग्रहण करने वाले लोग अब शासन से उक्त भूमि पर लगे हरे भरे पेड़ पौधों को कटवाकर,भवनों को डिसमेटल कर उक्त भूमि अपने हैंडओवर कर उक्त भूमि से धन लाभ अर्जित करने की योजना पर कार्य कर रहे है।जिसके चलते प्रशासन खुद नीलाम की गई उक्त भूमि स्थित विभिन्न निर्माण,और अतिक्रमण को हटाकर, उक्त खाली भूमि को निजी हाथों में सौपने का काम कर रहा है। जिसका नजारा आए दिनों नगर में देखने को मिल रहा है। निजीकरण की इस कड़ी में अब कालीपुतली चौक स्थित चौपाटी के बाजू वाली भूमि का नाम भी जुड़ गया है।करीब आधा एकड़ की शासकीय भूमि को करीब 22 करोड़ रु में नीलाम दिया गया है ।जहाँ उक्त भूमि को नीलाम करने के बाद अब उक्त उक्त भूमि को निजी हाथों में सौपने की क़वायद शुरू कर दी गई है।इसी बीच नगर पालिका कांजी हाउस परिसर को खाली करने के बाद सोमवार को उस वक्त गहमा गहमी का माहौल बन गया जब नगर पालिका और अन्य प्रशासनिक अधिकारियों की टीम इकबाल गैरेज पर बुलडोजर कार्यवाही करने के लिए पहुची। जहां भारी हंगामे के बीच देर शाम इकबाल गैरेज को खाली कराया गया ।तो वही गैरेज संचालक हाई कोर्ट से मिले निर्देशों की दुहाई देता हुआ नजर आया। लेकिन अधिकारियों ने उसकी एक नहीं सुनी और सख्ती से गैरेज का सामान खाली कराया गया।कुल मिलाकर कहा जाए तो नपा और प्रशासनिक अधिकारियों ने मिलकर उक्त भूमि के निजीकरण का रास्ता साफ कर दिया है। उधर गैरेज संचालक और उनके अधिवक्ताओं द्वारा देर शाम इस मामले में कोर्ट से स्टे मिलने की बात कही जा रही है। जिन्होंने इस कार्यवाही को कोर्ट आफ कन्टेम की कार्यवाही बताते हुए आगामी आदेश तक किसी भी प्रकार की कार्यवाही नहीं किए जाने की बात कही है।
2023 में ही हो चुकी थी उक्त भूमि के निजीकरण की शुरुवात
आपको बताए कि वर्ष 2023 की शुरुआत में ही शासन की पुनर्घनत्वीकरण योजना के तहत काली पुतली चौक से लगे कांजी हाउस, वर्कशाप वाली जगह को बेचा गया है। जिसके बाद रायसिंग एंड कंपनी के द्वारा उक्त जमीन पर निर्माण कार्य कराए जाने को लिए जमीन खाली कराने को लेकर प्रक्रिया अपनाई जा रही है, लेकिन उक्त भूमि पर गैरेज होने के साथ ही गैरेज संचालक व नपा का राजीनामा होने के चलते दुकान को हटाने की कार्रवाई नहीं हो पा रही थी। जिसके कारण ही उक्त जमीन पर निर्माण कार्य नहीं हो पा रहा था। जिसके बाद नगर पालिका ने उक्त दुकान का राजीनामा निरस्त कर उसे खाली किए जाने के लिए नोटिस थमाया था। वहीं सोमवार को एसडीएम गोपाल सोनी की मौजूदगी व पुलिस प्रशासन के सहयोग से जमीन को खाली कराने की कार्रवाई की गई हैं।
काफी देर तक रहा गहमागहमी का माहौल
नगर पालिका ने जहां कांजी हाउस व वर्कशाप को खाली करने की प्रक्रिया शुरु कर दी है, तो वहीं दुकान को खाली कराने के लिए सोमवार की दोपहर दो बजे से अमला मौके पर पहुंचा। यहां पर राजीनामा व कोर्ट में केस होने की बात को लेकर काफी देर तक गहमागहमी का माहौल भी निर्मित रहा। जिसके बाद शाम करीब पांच बजे एसडीएम की मौजूदगी में सारी जानकारी देकर उक्त दुकान को खाली कराने की कार्रवाई की गई है। इस दौरान नगर पालिका के अमले ने मौके पर ही पंचनामा कार्रवाई कर दुकान से सारे सामान की लिस्टिंग कर उन्हें निकालने का काम किया गया है, हालांकि दुकानदार के द्वारा समय मांगा गया लेकिन दो नोटिस दे दिए जाने से उसकी दुकान खाली कराने की कार्रवाई की गई हैं।
22 करोड़ 22 लाख में बिकी है,943 स्क्वायर फिट जमीन
बता दें कि नगर की बीचोंबीच रायसिंग एंड कंपनी ने पुनर्घनत्वीकरण योजना के तहत 22 करोड़ 22 लाख में 943 स्क्वायर फिट जमीन को खरीदा है और अब यहां पर उनके द्वारा कांप्लेक्स निर्माण किया जाना हैं। जिसके लिए ही दुकानदार का राजीनामा निरस्त कर उसे हटाने की कार्रवाई की गई और अब बने निर्माण को तोड़कर जमीन को सौंपने की कार्रवाई की जाएगी। कार्रवाई के दौरान तहसीलदार भूपेन्द्र अहीरवार, निरीक्षक प्रकाश वास्कले, हाउसिंग बोर्ड, नगर पालिका व पुलिस का अमला मौजूद रहा।
नीलम भूमि पर जल्द बनेगा कमर्शियल कंपलेक्स
बताया जा रहा है कि करीब आधा एकड़ वाली उक्त भूमि के लिए 4 कंपनियों द्वारा ऑनलाइन निविदाएँ भरी गई थी। जिसमें से एक बाहर की कंपनी होने के चलते उसे उक्त भूमि नहीं दी गई। तो वही जिले की तीन प्रमुख कंपनियों द्वारा उक्त भूमि को लेने के लिए बोली लगाई गई थी। जिसमें से सबसे ऊंची बोली रायसेन एंड कंपनी लांजी द्वारा करीब 22 करोड़ रुपए लगाई गई ।जिस पर रायसेन एंड कंपनी को यह शासकीय भूमि दी गई है। जिस पर कॉन्प्लेक्स निर्माण के लिए उन्हें 24 माह का वक्त दिया गया है। बताया जा रहा है कि जल्द ही इस भूमि को हस्तांतरित करने के लिए तमाम तरह की औपचारिकताएं पूरी की जाएगी इसके पहले उक्त भूमि को समतल कर उक्त भूमि को कमर्शियल कंपलेक्स निर्माण हेतु निजी हाथों में सौंपा जाएगा। जहां नीलामी में उक्त भूमि को खरीदने वाले द्वारा कमर्शियल कंपलेक्स निर्माण कर उक्त कांपलेक्स की दुकानों को नीलाम कर धन लाभ कमाया जाएगा ।
इसके पूर्व रानी वीरांगना स्कूल के समीप शासकीय भूमि को किया गया था नीलाम
बता दें सरकारी संपत्ति को निजी हाथों में सौंपने का यह कार्य, पहला नहीं है। इसके पूर्व भी नगर की सरकारी भूमि को नीलाम कर उक्त सरकारी भूमि का निजीकरण किया गया है। सरकारी संपत्तियों और सरकारी जमीनों को निजी हाथों में सौंपने की कवायद के बीच जहां एक ओर काली पुतली चौक स्थित नगरपालिका के कांजी हाउस वाली जमीन को करीब 22 करोड़ रु में नीलाम कर दिया गया है तो वहीं इसके पूर्व रानी वीरांगना स्कूल के समीप वाली भूमि को 8 करोड़ रुपये में नीलाम किया गया था। वहीं इसके अलावा अन्य भूमि को इसके पूर्व भी निजी हाथों में सौंपा गया है।
कोर्ट ने तत्काल कार्यवाही पर स्टे दिया है- इकबाल
मामले को लेकर की गई चर्चा के दौरान गैरेज संचालक मिर्जा इकबाल बैग ने बताया कि उनकी दुकान 1991 से हैं उनके पास दुकान के कागजात है, कोर्ट में भी इसका केस चल रहा है। जब उन्होंने रिन्यूअल के लिए डॉक्यूमेंट जमा किया तो उन्हें उनकी लीज रिनुअल नहीं कि गई ।कई दिनों से हमें परेशान करने का काम किया जा रहा है जब मैं इस कार्रवाई के खिलाफ कोर्ट गया तो तत्काल हमें स्टे मिल गया है अब जब तक कोर्ट का इस मामले में कोई आदेश नहीं आता तब तक यह कार्रवाई नहीं हो सकती।
दो बार नोटिस देने के बाद की जा रही कार्यवाही – गोपाल सोनी
कोर्ट से स्टे मिलने की बात होने के पूर्व मामले को लेकर की गई चर्चा के दौरान एसडीएम गोपाल सोनी ने बताया कि यह भूमि नजूल की है शासन ने युक्त भूमि को रायसेन एंड कंपनी के हेड ओवर किया है उसके बदले में कलेक्टर परिसर के सामने क्वार्टर बनाए जा रहे हैं गवर्नमेंट की नीति के तहत 943 स्क्वायर मीटर की जमीन कंपनी को दी गई है जमीन की रजिस्ट्री शासन द्वारा कलेक्टर के माध्यम से की गई है। इस बात को एक महा हो चुका है। आज हम कब्जा सौंपने के लिए आए हैं यहां नगर पालिका का कांजी हाउस सहित अन्य प्रकार का निर्माण है जिसे हटाया जा रहा है। यहां पर एक गैरेज भी है। 2023 में व्यवहार न्यायालय ने राजीनामा के तहत नगर पालिका सीएमओ से कहा था कि वह विधिवत सुनवाई के बाद कार्रवाई कर सकते हैं। इसके बाद नगर पालिका ने उनका राजीनामा निरस्त कर दिया है वही अतिक्रमण हटाने को लेकर दो नोटिस भेजे गए थे। उसके बाद ही अतिक्रमण हटाने की यह कार्यवाही की जा रही है।
हमें स्टे मिल गया है कार्यवाही नहीं होगी- अधिवक्ता
वही मामले को लेकर की गई चर्चा के दौरान कोर्ट से स्टे लेकर आए अधिवक्ता यूनिस अहमद कुरैशी ने बताया कि यह केस कोर्ट में लगा है पहले कोर्ट से स्थाई लीज मिली हुई थी 14 मई 2022 को डिग्री परीत हुई है उसके बाद ही हमारे पक्षकार ने दुकान बनाया है। दुकानदार जीएसटी देता है।आयकर दाता है इनके खिलाफ ऐसी कार्यवाही कोर्ट आफ कंडेम के अंतर्गत आती है। शासन ने 22 करोड़ में यह जमीन बेच दी है ऐसी सूचना मिलने पर हम पुनः कोर्ट गए वहां पर कलेक्टर ,एसडीएम, सीएमओ, तहसीलदार सभी लोग पक्षकार हैं। 26 तारीख को कोर्ट ने नोटिस जारी कर इन्हें पेश होने के लिए कहा है वही जवाब तलब किया है उसके बाद भी यह लोग यहां आकर नियम विरुद्ध कार्य कर रहे हैं। हमें स्टे मिला हुआ है अब जब तक कोर्ट से कोई आगामी आदेश नहीं आता तब तक यहां किसी प्रकार की कोई कार्रवाई नहीं होगी।