चावल घोटाला..जिला नही΄ अतर्राज्यीय स्तर का

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(उमेश बागरेचा)
बालाघाट (पद्मेश न्यूज)। बालाघाट का (पीडीएस) चांवल घोटाला? नहीं इसे बालाघाट का चांवल घोटाला क्यों अंतर्राज्यीय चांवल घोटाला बोलना चाहिए और यह सच भी है इस घोटोल की जड़े जिले से प्रदेश तथा अन्य राज्यों तक पहुंची है। घोटाला उजागर होने के बाद प्रदेश सरकार ने हरकत की और ई.ओ.डब्ल्यू. को जांच सौंप दी। कहा जाता है कि ई.ओ.डब्ल्यू. ने जांच प्रारंभ कर दी, इस जांच आदेश के पूर्व प्रदेश के मुखिया ने इन संबंधित 18 मिलों तथा 9 निरीह कर्मचारियों पर एफ.आई.आर. दर्ज करने के आदेश दिये थे। अच्छा हुआ ई.ओ.डब्ल्यू. को जांच चली गई, कम से कम मिल मालिक और अधिकारी कर्मचारी एफ.आई.आर. से तो बच गए, नहीं तो अभी थानों के चक्कर तथा जमानत के लिए भटकना पड़ता। अब ई.ओ.डब्ल्यू. को जांच गई है और यह सभी जानते है कि ई.ओ.डब्ल्यू. में पुलिस के अधिकारी कर्मचारी किन परिस्थितियों में नियुक्त होते हैं। खैर, ई.ओ.डब्ल्यू. की जांच अब कब कैसे-कैसे और कितने महिनों, साल तक चलेगी पता नहीं? तब तक तो मिल मालिकों को सरकार पर दबाव बनाने, सत्ता का सदुपयोग लेने, लीपा पोती करने पूरा-पूरा मौका मिल जाएगा और पुरानी जांचों का जो हश्र हुआ वही इसका भी हो जाएगा।
पत्रकारवार्ता मे΄ विरोधाभास
दबाव बनाने और सत्ता का उपयोग पर से याद आया, दबाव तो एक दिन बाद से ही बनाना चालू हो गया, जिसकी झलक गत दिनों हुई मिलर्स की पत्रकार वार्ता से ही स्पष्ट हो गया, जिसमें मिलर्स ने स्वयं को निर्दाेष और सरकार (याने प्रशासन) को दोषी ठहरा दिया और हड़ताल की धमकी भी दे दी। यहां सत्ताधीश भी मिलर्स को संरक्षण देते नजर आये। पत्रकार वार्ता की बात से याद आया है कि इस चांवल घोटाले के सिलसिले में मिलर्स ने पत्रकार वार्ता में स्वयं ही विरोधाभाषी बात कह दी है जिससे उनका सारा झूठ स्वत: ही उजागर हो जाता है। पत्रकार वार्ता में मिलर्स के जो प्रतिनिधी पत्रकारों को संबोधित कर रहे थे उन्होनें एक तरफ कहा कि हमने जब चांवल गोदामो में पहुंचाया उस समय उनकी गुणवत्ता ठीक थी जिसका प्रमाण भी उनके पास है अर्थात गुणवत्ताहीन चांवल उनके द्वारा प्रदाय नहीं किया गया है, इसी पत्रकार वार्ता में इसी समय यह भी कह दिया गया कि धान में नमी के कारण कीड़े लग जाते हैं और वहीं धान मिलर्स को कस्टम मिलिंग के लिए दी गई इसलिए घटिया चांवल की सप्लाई में हमारा नहीं सरकारी मशीनरी का दोष है, जिन पर कार्यवाही होनी चाहिए। अब आप ही बताएं दोनों बातें सच कैसे हो सकती है?

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