नई दिल्ली: चुनाव आयोग (EC) ने चुनावों के वीडियो फुटेज और तस्वीरों को स्टोर करने के अपने नियमों में बदलाव किया है। अब सीसीटीवी फुटेज स्टोर रखने की समयसीमा को घटाकर 45 दिन कर दिया गया है। यानी अब चुनाव चुनावी परिणाम के ऐलान के बाद 45 दिन के अंदर ही सीसीटीवी का डेटा चुनाव आयोग के पास सुरक्षित रहेगा। अगर इस समय तक कोई याचिका चुनाव आयोग के पास नहीं आती है तो उस डाटा को नष्ट किया जा सकता है।
चुनाव आयोग के इस फैसले से सभी राज्यों के मुख्य चुनाव अधिकारियों को अवगत करा दिया गया है। इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक यह फैसला हाल में हुए दुरुपयोग को देखते हुए लिया गया है। आयोग ने इस बात का उल्लेख किया कि चुनावी चुनाव प्रक्रिया की वीडियोग्राफी और फोटोग्राफी कानून के मुताबिक अनिवार्य नहीं है, लेकिन इसका इस्तेमाल ‘इंटरनल मैनेजमेंट टूल’ के तौर पर किया जाता है। बता दें कि पहले अलग-अलग तरह कि रिकॉर्डिंग 3 महीने से लेकर 1 साल तक सुरक्षित रखे जाते थे।
हाल ही में किया गया दुरुपयोग: EC
रिपोर्ट के मुताबिक चुनाव आयोग ने सभी CEO को भेजे अपने नए निर्देशों में लिखा है कि सोशल मीडिया पर गलत सूचना और दुर्भावनापूर्ण बयानबाजी फैलाने के लिए इस सामग्री का हाल ही में दुरुपयोग किया गया है। ये काम ऐसे लोगों ने किया है, जो प्रतियोगी भी नहीं थे। ऐसी सामग्री का बाहर उपयोग किया गया है, जिससे कोई कानूनी परिणाम नहीं निकलेगा। इस कारण समीक्षा की गई है।
पहले के मुकाबले कितना बदलाव
पहले के निर्देशों के मुताबिक नामांकन से पहले की अवधि के फुटेज को 3 महीने तक सुरक्षित रखा जाता था, जबकि नामांकन, अभियान, मतदान (मतदान केन्द्रों के अन्दर और बाहर) और मतगणना की रिकॉर्डिंग को चरण के आधार पर 6 महीने से 1 साल तक के लिए सुरक्षित रखने का नियम था।