कोई भी खास मौका हो या त्योहार हो हिंदी सिनेमा पर इसका असर जरूर दिखता है। ऐसा ही एक बार फिर हो रहा है। साल 2014 और साल 2019 के लोकसभा चुनाव के दौरान भी यह देखा गया था कि किस तरह से चुनावों से पहले राजनीतिक विषयों पर आधारित फिल्में रिलीज की गई थीं। लेकिन इस बार हिंदी सिनेमा की तैयारी कुछ ज्यादा ही खास नजर आ रही हैं। चुनाव आयोग की तरफ से लोकसभा चुनाव की घोषणा होने से पहले ही राजनीतिक भावनाओं व विषयों से जुड़ी चार-पांच फिल्में रिलीज हो चुकी हैं।
पहले भी चुनाव के दौरान रिलीज हुई ये फिल्में
2019 के चुनाव से पहले उरी – द सर्जिकल स्ट्राइक रिलीज हुई थी। यह फिल्म उरी हमले के बाद भारत द्वारा की गई सर्जिकल स्ट्राइक पर आधारित है। वहीं, 2014 के चुनाव से पहले ‘मद्रास कैफे’ फिल्म रिलीज हुई थी। इस फिल्म चुनावी रैली के दौरान राजीव गांधी की हत्या को दिखाया गया था। इसके बाद जब कांग्रेस सरकार के दौरान महंगाई बहुत बढ़ गई थी, तो ‘पीपली लाइव’ फिल्म रिलीज हुई थी। इसी फिल्म का एक गाना ‘महंगाई डायन खाए जात है’ जमकर फेमस हुआ था।
ओटीटी और सिनेमाघरों में अगले दो महीनों में कई ऐसी फिल्में रिलीज होने वाली हैं, जो मौजूदा राजनीतिक स्थिति और विमर्श को किसी न किसी तरीके से पर्दे पर पेश करती है। कुछ समय पहले ही पूर्व पीएम अटल बिहारी वाजपेयी की जीवन पर आधारित फिल्म ‘मैं अटल हूं‘ रिलीज हुई है। बालाकोट हमले पर आधारित ‘फाइटर’, जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 समाप्त करने के विषय पर बनी ‘आर्टिकल – 370’ जैसी फिल्में राजनीतिक परिदृश्य को दिखाती हैं।
स्वतंत्र वीर सावरकर
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार 22 मार्च, 2024 को वीर सावरकर की जीवनी पर आधारित फिल्म ‘स्वतंत्र वीर सावरकर’ रिलीज होने वाली है। फिल्म में रणदीप हुड्डा लीड रोल में हैं।