जंगल से सागौन चोरने पर गणपत को 1 वर्ष का सश्रम कारावास

0

वारासिवनी न्यायालय के विद्वान न्यायाधीश चैतन्य अनुभव चौबे न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी की अदालत में वन क्षेत्र जंगल से सागौन के वृक्ष की अवैध कटाई कर चोरी करने के आरोप में गणपत कोल्ते को 1 वर्ष का सश्रम कारावास एवं 1500 रुपये के अर्थदंड से दंडित कर सजा सुनाई गई। प्राप्त जानकारी के अनुसार थाना वारासिवनी में मुखबिर से सूचना प्राप्त हुई थी कि ग्राम बोटेझरी के जंगल से 04 व्यक्ति टाटा सूमो गाड़ी कं. एमएच 34 सी 8530 में सागौन की लकड़ी चोरी से काटकर रामपायली तरफ कहीं बेचने ले जा रहे है। तब पुलिस द्वारा एसएसपी कॉलेज वारासिवनी के पास उक्त वाहन को रोका गया। जिसमें तलाशी के दौरान 04 व्यक्ति पाए गये एवं इमारती वृक्ष सागौन की लकड़ी के आठ लट्ठ एवं एक लोहे का आरा भी मिला उक्त चारों व्यक्तियों ने अपने नाम धनसिंह गनपत संदीप तथा चंचलेश निवासी वारासिवनी होना बताये। अभियुक्तो ने अपराध स्वीकार किया था और बताया था कि उक्त इमारती लकड़ी वे लोग ग्राम बोटेझरी के जंगल से चोरी से काटकर बेचने के उद्देश्य से ले जा रहे है जिनके पास इमारती वृक्ष काटने एवं परिवहन के कब्जे काटने परिवहन के संबंध में कोई दस्तावेज नहीं थे। थाना वारासिवनी में अपराध पंजीबद्ध किया गया एवं अभियोग पत्र माननीय न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किया गया। इसके बाद से यह प्रकरण वारासिवनी न्यायालय में विचार अधीन था जिसमें विद्वान न्यायाधीश न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी चैतन्य अनुभव चौबे के द्वारा प्रस्तुत साक्ष्य एवं तथ्यों पर विश्वास करते हुए आरोपी गनपत पिता रोशनलाल कोल्ते उम्र करीब 36 वर्ष वारासिवनी निवासी का अपराध सिद्ध होने पर उसे भादवि की धारा 379 के अधीन दण्डनीय अपराध के लिए 01 वर्ष का सश्रम कारावास एवं राशि 1000 रूपये के अर्थदंड एवं धारा 41, 42 भारतीय वन अधिनियम, 1927 के अधीन दण्डनीय अपराध के लिए अभियुक्त को 06 माह का सश्रम कारावास एवं राशि 500 रूपये के अर्थदण्ड से दण्डित किया गया। अभियुक्त के द्वारा अर्थदण्ड की राशि अदा नहीं किये जाने की दशा में अभियुक्त को 01 माह का सश्रम कारावास पृथक से भुगताया जावे। उपरोक्त कारावास की सजाएँ साथ-साथ चलेगी। अभियोजन की ओर से पैरवी ऋतुराज कुमरे सहायक जिला लोक अभियोजन अधिकारी वारासिवनी के द्वारा की गई।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here