जिले के 2405 स्कूलो΄ मे΄ मिलना था जल जीवन मिशन योजना का लाभ, 121 स्कूलो΄ मे΄ नही΄ बिजली , 291 स्कूलो΄ के कटे बिजली कनेशन , 1993 स्कूलो΄ मे΄ पूरा हुआ काम, 90 फ़ीसदी स्कूल मे΄ नही΄ मिली पानी की सुविधा
बालाघाट (पद्मेेश न्यूज़)। मध्यप्रदेश शासन द्वारा जल जीवन मिशन योजना के तहत बालाघाट जिले के 2405 स्कूलों में स्वच्छ पानी उपलब्ध कराने के उद्देश्य से लाखों रुपए तो खर्च कर दिए गए लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही दिखाई दे रही है जहां आज भी बच्चों को स्कूल के पास लगे हैंडपंप से फ्लोराइड, अबरक युक्त या फिर जंगयुक्त पानी पीने को मजबूर होना पड़ रहा है।
2405 स्कूल का चयन-भास्कर शिव
जब हमने इस विषय पर सर्व शिक्षा अभियान के सहायक यंत्री भास्कर शिव से चर्चा की तो उन्होंने बताया कि जल जीवन मिशन योजना के अंतर्गत जिले के 2405 स्कूलों को चयनित किया गया था। लेकिन मैदानी स्थिति कुछ और ही दिखाई दे रही है 121 स्कूलों में नहीं बिजली है। 291 स्कूलों के कटे बिजली कनेक्शन। वहीं दूसरी ओर 1993 स्कूलों में स्वच्छ जल प्रदाय करने के उद्देश्य से जल जीवन मिशन योजना का काम पूरा हो चुका है लेकिन हकीकत कुछ और है कि स्कूलों में स्वच्छ जल नहीं मिल पा रहा है।
गोगलई में ही दिख रही हकीकत

यह तो रहा आकड़ो का गुणा भाग। जिला मुख्यालय से लगे हुए गोगलाई पंचायत स्थित शासकीय स्कूल में ही जल जीवन मिशन योजना की पोल खुलते दिखाई दे रही है। यहां पर योजना का काम तो पूरा हो गया है लेकिन स्वच्छ पानी के नाम पर शोपीस बने नल और पाइपलाइन है। तभी तो छात्राएं कहती है की नल तो लगा है लेकिन पानी उन्हें घर से या हैंडपंप से लाना पड़ता है।
नहीं मिला योजना का लाभ-एचएम
गोगलई स्कूल में ही शासन ने जल जीवन मिशन के लिए लाखों रुपए तो खर्च किए लेकिन उसके पहले ऐसी कोई पुख्ता योजना नहीं बनाई कि इस योजना को कोई असामाजिक तत्व नुकसान ना पहुंचाए। गोगलाई स्कूल के एचएम सम्पत उईके बताते है कि गोगलाई स्कूल में होली के दौरान असामाजिक तत्वों ने स्कूल के भीतर लगे नलों को तोड़कर इस योजना पर और अधिक पलीता लगा दिया।
सपना ना बन जाए स्वच्छ जल
मतलब साफ है कि स्कूल में स्वच्छ जल प्रदाय करने के नाम पर खर्च किए गए लाखों रुपए पूर्व की अन्य योजना जैसे हर स्कूल स्वच्छता शौचालय की तरह चंद रोज बाद बीते दिनों की बात हो जाएगी और स्वच्छ जल स्कूल के लिए पूर्व की तरह एक बार फिर सपना ही बनकर रह जाएगा।
