ऐसे विभाग जो करोड़ों की लागत के ब्रिज, भवन एवं सड़कें बनाने का कार्य करते हैं वे विभाग अपने कार्यालय के भवन को तरस रहे हैं और उन्हें पिछले कुछ वर्षों से जर्जर भवन में बैठकर कार्य करना पड़ रहा है। अधिकारी कर्मचारियों को पता है कि जिस जगह पर बैठकर कार्य कर रहे हैं वहां कभी भी दुर्घटना हो सकती है फिर भी उनके कार्य करने के लिए कोई दूसरा स्थान उपलब्ध नहीं होने के कारण मजबूरी में वे कंडम घोषित हो चुके भवन में बैठकर कार्य करने के लिए विवश है।
हम बात दूर के किसी कार्यालय की नहीं बल्कि कलेक्टर कार्यालय से लगे हुए प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क विकास परियोजना के कार्यालय की कर रहे हैं। इस भवन की अवधि 50 वर्ष से ऊपर की हो चुकी है जिसके चलते यह भवन बहुत ही ज्यादा क्षतिग्रस्त हो चुका है। कई जगहों से छत का सज्जा गिर चुका है तथा जो सज्जा बचा है वह भी गिरने की स्थिति में है। इस भवन को देखकर ही कहा जा सकता है कि यह कोई खंडहर जैसा स्थान है जबकि यहां एक नहीं बल्कि 3 विभागों के जिलास्तर के कार्यालय संचालित हो रहे हैं जहां से करोड़ों रुपयों के कार्यों को कराया जाता है।
ज्ञात हो कि खंडहर नुमा भवन में प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना का कार्यालय होने के साथ-साथ सेतु निगम और पीआईयू का कार्यालय भी है जिनमें आधा सैकड़ा से अधिक कर्मचारी एवं अधिकारी रोजाना बैठकर शासकीय कार्यों को करते हैं। अधिकारियों द्वारा इस भवन की जर्जर स्थिति के संबंध में पत्राचार कर कलेक्टर कार्यालय में अवगत करा दिया गया है इसके बावजूद भी नया भवन बनने तक कार्य करने के लिए उन्हें दूसरी जगह शिफ्ट नहीं किया जा रहा है ऐसी स्थिति में उन्हें इसी भवन में बैठकर कार्य करना पड़ रहा है।
आपको बताये कि एक वर्ष पूर्व पीडब्ल्यूडी विभाग के इंजीनियरों द्वारा इस भवन का निरीक्षण किया गया था, सर्वे करने के उपरांत अधिकारियों द्वारा इस भवन को कंडम घोषित कर दिया गया। तथा इस भवन को खाली करने के लिए कह दिया गया है, लेकिन यहां कार्य करने वाले विभागों के अधिकारी कर्मचारियों के सामने समस्या यह है कि जब तक उन्हें कार्य करने नया स्थान उपलब्ध नहीं करा दिया जाता तब तक वे कैसे कहीं और शिफ्ट हो पाएंगे।
इस भवन में अंदर प्रवेश करने पर देखा जा सकता है कि यह भवन किस कदर बदहाल स्थिति में है यहां की दीवारों में विद्युत तारों का जाल बिछा हुआ है। बारिश होने पर छत से पानी टपकने के कारण पूरा परिसर गीला हो जाता है यहां तक की कार्यालय की दीवारे भी पानी से गीली हो जाती है, ऐसे में करंट फैलने का डर बना ही रहता है। यहां कार्य करने वाले अधिकारी कर्मचारियों को यह सब दिखने पर भी सब जिला प्रशासन पर टकटकी लगाये हुये खामोश बने हुए हैं।
इसके संबंध में मोबाइल पर चर्चा करने पर सेतु निगम के उपयंत्री श्री सनोडिया ने बताया कि यह बिल्डिंग एक वर्ष पूर्व कंडम घोषित हो गई है खाली करने के निर्देश मिले हैं, जिसके चलते कलेक्टर को नया भवन बनने तक दूसरा भवन उपलब्ध कराने के लिए पत्राचार किया गया है। इस स्थान पर मल्टी स्टोरी भवन बनाया जाना है जिसे हाउसिंग बोर्ड द्वारा बनाया जाएगा। भवन बहुत ज्यादा जर्जर हो चुका है नया भवन बनने तक यहां के कार्यालयों को कहीं अन्यत्र स्थान पर शिफ्ट कराया जाना चाहिए।
वही इसके संबंध में चर्चा करने पर लोक निर्माण विभाग के कार्यपालन यंत्री राजीव श्रीवास्तव ने बताया कि 28 जुलाई 2021 को भवन का निरीक्षण इंजीनियरों द्वारा किया गया था, भवन को जर्जर स्थिति में पाया गया। जिस पर उनके द्वारा भवन को कंडम डिक्लियर करने की अनुशंसा की गई थी तथा इस दौरान ही वहां लगने वाले कार्यालयों को रिक्त करने कहा गया था। उस स्थान पर हाउसिंग बोर्ड द्वारा नया भवन बनाया जाएगा, इसके संबंध में कलेक्टर साहब को भी लिखित जानकारी के माध्यम से अवगत करा दिया गया है।