ज्योतिर्लिंग महाकाल मंदिर में साल के आखिरी रविवार को आस्था का सैलाब उमड़ा। करीब 14 हजार से अधिक भक्तों ने भगवान महाकाल के दर्शन किए। मंदिर प्रशासन ने भीड़ नियंत्रण के लिए व्यवस्था में बदलवा किया। प्रोटोकॉल के तहत आने वाले दर्शनार्थियों को भस्मारती द्वार के समीप नए रास्ते से मंदिर में प्रवेश दिया गया।
कोरोना पर आस्था भारी पड़ रही है। देश विदेश से सैकड़ों श्रद्धालु साल के आखिरी सप्ताह में देव दर्शन व सैर सपाटे पर निकले लगे हैं। ज्योतिर्लिंग महाकाल मंदिर में भी 25 दिसंबर से लगातार दर्शनार्थियों की संख्या बढ़ रही है। साल के आखिरी रविवार पर मंदिर में करीब 14 हजार से अधिक भक्तों ने भगवान महाकाल के दर्शन किए।
भारी भीड़ को देखते हुए मंदिर प्रशासन ने व्यवस्था में बदलाव किया तथा मंदिर के उत्तर दिशा की ओर नया रास्ता बनाया। इस द्वार से प्रोटोकॉल के तहत आने वाले दर्शनार्थियों को विश्राम धाम के रास्ते मंदिर में प्रवेश दिया गया। आने वाले दिनों में लगातार श्रद्धालुओं की संख्या बढ़ेगी। 31 दिसंबर व 1 जनवरी को लॉकडाउन के बाद पहली बार सबसे अधिक भक्तों के महाकाल दर्शन करने आने का नया रिकॉर्ड बनाने की उम्मीद जताई जा रही है।
प्रबंध समिति सीधे प्रवेश की व्यवस्था सुनिश्चित करे
मंदिर समिति को भीड़ वाले दिनों में सीधे प्रवेश की व्यवस्था सुनिश्चित करना चाहिए। अग्रिम बुकिंग की व्यवस्था कोरोना काल में भीड़ नियंत्रण की दृष्टि से लागू की गई थी। लेकिन इन दिनों में मंदिर में भारी भीड़ होने से इस व्यवस्था का कोई औचित्य नजर नहीं आ रहा। मंदिर में कोरोना से सुरक्षा के इंतजाम ध्वस्त पड़े हैं। उल्टे रोक से भ्रष्टाचार पनप रहा है। दलाल सक्रिय हो गए हैं।