वारासिवनी पद्मेश न्यूज़ नगर में स्थित दिगंबर जैन मंदिर मैं दिगंबर जैन पंचायत कमेटी के तत्वाधान में 3 जुलाई को भव्य शोभायात्रा निकालते चातुर्मास कलश स्थापना कार्यक्रम का आयोजन किया गया जिसमें दिगंबर जैन मंदिर में प्रतिदिन के अनुसार सुबह से विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन पर विधि विधान से पूजन अर्चन किया गया जिसके बाद दोपहर में भव्य कलश यात्रा बाजे गाजे के साथ नगर में निकाली गई जो नगर के विभिन्न चौक चौराहों का भ्रमण करते हुए कीर्ति स्तंभ पहुंची जहां से यह यात्रा वापस जय स्तंभ चौक होते हुए वापस दिगंबर जैन मंदिर कोसी जहां पर विधि विधान से पूजा नर्सिंग पर चतुर्मास कलश की स्थापना की गई साथ ही अन्य कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। यह कलश स्थापना कार्यक्रम का संचालन आमन्त्रित विद्वान शुभांशु भैया शहपुरा द्वारा किया गया। इस कार्यक्रम में वारासिवनी के विधायक प्रदीप जायसवाल , पूर्व विधायक डॉ योगेंद्र निर्मल सहित बालाघाट, लालबर्रा, अशोक नगर आदि स्थानों से श्रावक जन व नगर के अनेक गणमान्य जनों ने उपस्थित होकर आर्यिका माताजी संघ का आशीर्वाद प्राप्त किया। विदित हो कि बारिश के समय वातावरण में अनेक सूक्ष्म जीवों की उत्पत्ति होती है जगह जगह हरियाली ही हरियाली होती है। जैन संत जीवों की हिंसा न हो इसलिए एक जगह रुककर अपनी साधना करते हैं। वह समय चार महीने का होता है , इसलिए उसे चौमासा या चतुर्मास कहते हैं। जहां संतों का चतुर्मास होता है वहां समाज में ज्ञान की वृद्धि होती है। जैन संत आपको जगाने के लिए आते हैं। अपनी संस्कृति को बढ़ाने के लिए जरूरी है कि जैन संत का चतुर्मास हो, जहां जैन संत का चातुर्मास होता है वहां समाज में वातावरण धर्ममय हो जाता है। चातुर्मास से समाज को पता चलता है दिगंबर संत की चर्या क्या है। दिगंबर संतो की साधना कितनी कठोर होती है। इसी कड़ी में 108 आचार्य श्री विद्यासागर जी महामुनि राज की शिष्या आर्यिका 105 सूत्रमति माताजी ससंघ का आगमन हुआ है उनका चतुर्मास वारासिवनी में होगा। पद्मेश से चर्चा में समाज अध्यक्ष संजय कासल ने बताया कि हमारे यहां माताजी ससंघ के तत्वाधान में चतुर्मास कलश स्थापना कार्यक्रम का आयोजन किया गया है। जिसमें भव्य कलश यात्रा निकाली गई जिसमें नगर भ्रमण कर वापस मंदिर पहुंची जिसके बाद चातुर्मास कलश की स्थापना की गई। वर्षा ऋतु में जंगल की उत्पत्ति ज्यादा होती है ऐसे में अहिंसा धर्म का पालन करने को जैन धर्म में चातुर्मास किया जाता है। जिसमें जैन धर्म की आराधना हो सके साधु और श्रावक मिलकर जैन धर्म की उपासना धर्म के सभी सिद्धांतों का पालन करने का प्रयास कर सके। विधायक प्रदीप जायसवाल ने कहा कि माताजी का सानिध्य पूरे समाज को मिलेगा और इस चातुर्मास से एक दिव्य प्रभाव पूरे नगर पर पड़ेगा जिससे समाज के साथ नगर की भी समृद्धि होगी और इसका सीधा लाभ लोगों को मिलेगा। देखने में आ रहा है कि जैन समाज में महिलाओं की आध्यात्मिक रुचि बहुत ज्यादा है और इतनी बड़ी संख्या में लोगों की उपस्थिति गर्व की बात है। इस अवसर पर नमन राखी सिंघई ने अपने स्वरों से चार चाँद लगा दिये। तो वही शानू सिंघई के संचालन ने प्रमुख भूमिका निभायी साथ ही प्रखर पराग दीपांश सुपार्श्व आदि अक्षत अर्थ प्रफुल्ल सुनीता मॉडल दर्शी सिंघई आस्था सोनाक्षी दीपल अक्षिता सोना माही रीतिका दीपिका गरिमा संगीता कासल सपना रश्मि मंजूषा साक्षी सिंघई निधि रीतिका दिव्या मिली रूबी रश्मि का सराहनीय योगदान रहा।