धम्म चक्र परिवर्तन दिवस का हुआ आयोजन

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नगर के वार्ड नं 01 शंकर नगर स्थित तक्षशिला वाचनालय में फुले आंबेडकर जयंती समारोह समिति के तत्वावधान में 14 अक्टूबर को धम्म चक्र परिवर्तन दिवस मनाया गया। यह कार्यक्रम पूज्य भदंत व समाज के अन्य प्रबुद्ध जनों की उपस्थिति में प्रारंभ किया गया। जिसमें बौद्ध उपासक उपसिकाओ ने ग्राम पंचायत सिकंदरा के वार्ड नं 10 स्थित करुणा बुद्ध विहार से शाम को रैली निकालकर नगर के विभिन्न चौक चौराहों व बौध्द विहारों का भ्रमण करते हुए अंाबेडकर चौक पहुंचे। जहां पर डॉ बी आर आंबेडकर की प्रतिमा के समक्ष दीप प्रज्वलित कर माल्यार्पण किया गया। तत्पश्चात त्रिशरण पंचशील का पाठ कर सामूहिक वंदना की गई जिसके बाद रैली वापस तक्षशिला वाचनालय पहुची जहां रैली का समापन कर धम्म देशना कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जिसमें उपस्थित भदंत के द्वारा धम्म देशना दी गयी। जिसके बाद उपस्थित वरिष्ठ जानो ने समाज को दशा और दिशा बदलने के लिए प्रेरित कर किस प्रकार से समाज में जागरूकता लाने और लोग ज्यादा से ज्यादा शिक्षित होकर अपने अधिकारों को प्राप्त कर सके इस पर विशेष जोर देते हुए संबोधित करते हुए कहा गया कि वर्तमान में समाज कि कुछ ही लोग हैं जो उच्च शिक्षा प्राप्त कर पाए हैं और कई ऐसे भी लोग हैं जिन्होंने कभी स्कूल नहीं देखा है और यदि हम उन्हें शिक्षित नहीं बनाते हैं तो यह हमारी लापरवाही होगी। क्योंकि हम उन्हें शिक्षित ना बना कर उनके भविष्य को अंधकार में डाल रहे हैं इसलिए सभी अपने बच्चों को प्राथमिक माध्यमिक और उच्च शिक्षा दिलवाए और यदि आपके पड़ोस में कोई बालक रहता है तो उसे भी प्रेरित करें कि वह शिक्षित बने यदि वह शिक्षा अध्ययन करने में समर्थ नहीं है तो आप उसका सहयोग करें वर्तमान में शिक्षा ही सब कुछ है। वही समाज के जितने महापुरुष हुए हैं उन सभी के संदेश को समाज के प्रत्येक वर्ग तक ले कर जाए जिससे कि वह भी महापुरुषों के दी गई शिक्षा को ग्रहण कर सके। यह जो धम्म चक्र परिवर्तन दिवस मनाया जाता है इस दिन महामानव डॉक्टर भीमराव अंबेडकर के द्वारा अपने अनेक समर्थकों के साथ बौद्ध धर्म की दीक्षा ली गई थी इसलिए इसे मना कर उस महामानव को याद किया जाता है। जिसने पूरे देश को एक प्रकाश संविधान के रूप में दिया है। पदमेश से चर्चा में फुले अंबेडकर जयंती समारोह समिति अध्यक्ष अशोक वासनिक ने बताया कि प्रतिवर्ष अनुसार इस वर्ष भी धर्म चक्र प्रवर्तन दिवस कार्यक्रम का आयोजन किया गया है। 14 अक्टूबर 1956 में धम्म की दीक्षा डॉक्टर भीमराव अंबेडकर के द्वारा ली गई थी इस दिन को पूरे विश्व में हर्ष उल्लास के साथ मनाया जाता है। हमारे द्वारा सिकंदरा स्थित बुद्ध विहार से रैली निकाली गई जो अंबेडकर चौक पहुंची जहां पर डॉ बी आर अंबेडकर की प्रतिमा पर माल्या अर्पण कर वापस सभी तक्षशिला वाचनालय जा रहे हैं जहां पर धम्म देशना कार्यक्रम का आयोजन किया गया है। इस अवसर पर फुले अंबेडकर जयंती समारोह समिति वारासिवनी के पदाधिकारी सदस्य सहित अन्य बौद्ध उपासक उपासिका मौजूद रहे।

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