वर्ष 2008 की मछली पालन नीति के अनुसार ग्राम पंचायतों की तालाब नीलामी पर रोक है.बावजूद इसके भी वर्तमान समय में नवनिर्वाचित सरपंचों द्वारा मछली पालन विभाग की अनुमति के बिना ही तालाबों को नीलाम किया जा रहा है.जिस पर अपनी आपत्ति जताते हुए विभिन्न सहकारी मछुआ समितियों ने संयुक्त रूप से ज्ञापन सौंपते हुए नवनिर्वाचित सरपंचों द्वारा किए जा रहे इस कृत्य पर तत्काल रोक लगाए जाने की मांग की है. गुरुवार को कलेक्टर कार्यालय में सौंपे गई इस ज्ञापन में मछुआ सहकारी समिति के पदाधिकारियों ने बताया कि ग्राम सतोना, छतेरा के पुलपुटा तालाब, पौनाबाजी बोड़ी, हूटकाड़ी बोड़ी, लघु बोड़ी और उमरवाडा का रान तालाब सहित जिले के विभिन्न पंचायतों में नवनिर्वाचित सरपंचों द्वारा गांव के तालाब को दूसरे को नीलाम किया जा रहा है. जो नियम के विरुद्ध है.नियमों के अनुसार मछली पालन विभाग ही सहकारी समितियों को तालाब नीलाम कर सकती है. लेकिन पंचायत सरपंचों द्वारा बिना किसी सहमति के, बिना मछली पालन विभाग अनुमति के दूसरे लोगों को तालाब बेचा जा रहा है, जिन्होंने मछली पालन विभाग के माध्यम से जिले की समस्त पंचायतों में आदेश जारी करवाकर तालाब की बिक्री पर तत्काल रोक लगाए जाने की मांग की है, वहीं मांग पूरी ना होने पर सड़कों पर उतर कर आंदोलन किए जाने की चेतावनी दी है










































