नाबालिक का अपहरण और दुष्कर्म के आरोप में आशुतोष को आजीवन कारावास

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वारासिवनी/लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम की विशेष न्यायाधीश श्रीमती कविता इनवाती की विशेष अदालत ने एक नाबालिक लड़की का अपहरण और उसके साथ दुष्कर्म करने के मामले में आरोपी आशुतोष पिता बाबूलाल रखेले 35 वर्ष को आजीवन कारावास की सजा सुनाई। यह आरोपी कटंगी थाना क्षेत्र में आने वाले ग्राम वरुण का रहने वाला है। जिसे विद्वान अदालत ने ढाई हजार रुपये अर्थदंड से भी दंडित किये है।

अभियोजन के अनुसार यह घटना 2022 की है। 20 मई 2022 से आशुतोष ने इस लड़की का कोचिंग जाते समय लगातार पीछा करना शुरू कर दिया था। 22 मई 2022 की शाम 5:00 बजे जब यह लड़की कोचिंग जा रही थी तब अभियुक्त आशुतोष ने इस लड़की का पीछा किया और जबरदस्ती अपने सफेद रंग की पिकअप गाड़ी में बैठाया और उसे वरुण माइंस के कमरे में ले जाकर उसके साथ जबरदस्ती दुष्कर्म किया ।यह लड़की बहुत डर गई थी और उसने घटना के संबंध में किसी को नहीं बताई ।इस दौरान अभियुक्त आशुतोष इस लड़की को फोन पर जान से मारने की धमकी देता रहा और उसके साथ तीन-चार बार जबरदस्ती दुष्कर्म किया। इस लड़की ने आशुतोष के डर के कारण कोचिंग छोड़ दी थी। सितंबर 2022 को यह लड़की कोचिंग के लिए भोपाल चली गई थी।जब वह भोपाल से लौटकर घर आई। तब 22 अक्टूबर 2022 को अभियुक्त आशुतोष ने इस लड़की को पुनः जान से मारने की धमकी देकर उसके साथ जबरदस्ती दुष्कर्म किया ।आशुतोष की इस हरकत से परेशान होकर इस लड़की ने कटंगी पुलिस थाना में रिपोर्ट की थी। जहां पर आशुतोष के विरुद्ध धारा 363 धारा 6/5(एल) लैंगिक अपराधों से बालकों का सुरक्षा अधिनियम 2012 के तहत अपराध दर्ज कर इस अपराध में आशुतोष को गिरफ्तार किया गया और विवेचना उपरांत अभियोग पत्र विद्वान अदालत में पेश किया गया था। हाल ही में यह मामला लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम की विशेष न्यायाधीश श्रीमती कविता इनवाती की विशेष अदालत में चला। जहां अभियोजन पक्ष आरोपी आशुतोष रखेले 35 वर्ष ग्राम वरुण निवासी के विरुद्ध आरोपित अपराध सिद्ध करने में सफल रहा। जिसके परिणाम स्वरूप विद्वान अदालत ने मामले की समस्त परिस्थितियों को देखते हुए अपने विवेचन निष्कर्ष उपलब्ध साक्ष्य के आधार पर आरोपी आशुतोष रखेले को धारा 6/5(एल) लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम 2012 के तहत आजीवन कारावास और 2000 हजार रुपये अर्थदंड, धारा 363 भादवि के तहत अपराध में 5 वर्ष का कठोर कारावास और 500 रुपये से दंडित किये। जिला लोक अभियोजन अधिकारी कपिल कुमार डेहरिया के कुशल मार्गदर्शन में इस मामले की पैरवी विशेष लोक अभियोजक ऋतुराज कुमरे द्वारा की गई थी।

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