भारत सरकार के द्वारा गरीब तबको के लोगों के लिए 5 लाख रुपये तक के निशुल्क उपचार की सुविधा प्रदान की गई है जहां आयुष्मान कार्ड के माध्यम से लोगों को निशुल्क स्वास्थ्य सेवा का लाभ दिया जा रहा है। लेकिन आयुष्मान भारत योजना से अटैच कुछ निजी अस्पताल शासन की इस योजना के तहत गरीबों को निशुल्क उपचार प्रदान नहीं कर रहे हैं।
जिसके चलते आयुष्मान कार्डधारी हितग्राही उपचार पाने के लिए शासकीय कार्यालयों के चक्कर काटने को मजबूर हैं।
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार आयुष्मान भारत जिला समन्वयक अधिकारी को नगर के दो निजी अस्पतालों में आयुष्मान भारत योजना के तहत हितग्राहियों को स्वास्थ्य लाभ ना दिए जाने की शिकायत मिली है जिसकी जांच समन्वयक अधिकारी द्वारा की जा रही है।
आयुष्मान भारत योजना से अटैच निजी अस्पतालों की शिकायत मिलने पर संबंधित अधिकारी द्वारा मामले की जांच शुरू कर दी है बताया जा रहा है कि यदि कोई हितग्राही लिखित में शिकायत करता है तो फिर संबंधित निजी अस्पताल के खिलाफ कार्यवाही की जाएगी
आपको बताए की जिले में आयुष्मान कार्ड योजना के लगभग साढ़े 3 हजार हितग्राही का उपचार जिला अस्पताल में किया जा चुका है वही 5 से 6 हजार हितग्राहियों ने इस योजना का लाभ निजी अस्पतालों में लिया है जिन्हें केवल बालाघाट के निजी अस्पतालों में ही नहीं बल्कि देश के अन्य राज्यों के निजी अस्पतालों में भी हितग्राहियों का उपचार किया गया है वही जिले सहित अन्य राज्यों के विभिन्न निजी अस्पतालों को योजना में अटैच करने तैयारी शुरू है ऐसे में यदि हितग्राहियों को आयुष्मान कार्ड योजना का लाभ नहीं मिलता तो निश्चित ही वे परेशान हो जाते हैं।निश्चित तौर पर यदि एक दो निजी अस्पतालों पर वैधानिक कार्यवाही हो गई तो फिर इस योजना से अटैच समस्त निजी अस्पतालों की कार्यप्रणाली में सुधार आएगा और वे लोगों को योजना के तहत निशुल्क स्वास्थ्य सेवा का लाभ देने लगेंगे।










































