नेताओं ने दबाव में बाजार खुलवाए, व्यापारी और ग्राहक ऐसे व्यवहार कर रहे मानो कोरोना गया

0

शहर में कोरोना महामारी का संक्रमण एक बार फिर चरम पर है। व्यापारी संगठनों के कहने पर नेताओं ने प्रशासन पर दबाव डालकर बाजार तो खुलवा दिए, लेकिन अब हालात नहीं संभल रहे हैं। बाजारों में व्यापारी और ग्राहक ऐसे आपसी व्यवहार कर रहे हैं, मानो कोरोना संक्रमण चला गया। छप्पन दुकान सहित खाने-पीने के अन्य बाजारों, मिठाई आदि की दुकानों पर भीड़ होने लगी है। मंडियों में भी यही हाल है।

चोइथराम सब्जी मंडी में कई व्यापारी और आढ़तिये सर्दी-खांसी से पीड़ित हैं, फिर भी मंडी में आकर काम कर रहे हैं। मंडी प्रशासन का इस तरफ भी ध्यान नहीं है। मंडी में जांच भी नहीं हो रही है। जांच कराई जाए तो कई लोग पॉजिटिव मिल सकते हैं। कई दुकानों पर लोग मास्क और शारीरिक दूरी का पालन ही भूल गए हैं। अपने ही आसपास रोज पॉजिटिव आ रहे मरीजों से भी लोग सबक नहीं ले रहे हैं। बढ़ते संक्रमण ने जिला प्रशासन के आपदा प्रबंधन समूह के सदस्यों को भी सोचने पर मजबूर कर दिया है।

आपदा प्रबंधन समूह के जिम्मेदार बोले

संक्रमण बढ़ रहा है, फिर भी लोग रविवार को पिकनिक मनाने जा रहे हैं। मैंने कलेक्टर को सुझाव दिया था कि रविवार का लॉकडाउन रहने देना चाहिए, लेकिन उन्हें भी केंद्र सरकार की गाइडलाइन के हिसाब से चलना होता है। बाजारों में लेफ्ट-राइट सिद्धांत पर दुकानें खोलने का नियम भी सही था, लेकिन दुकानदार नहीं माने। मेरे परिवार में ही सात लोग पॉजिटिव आ चुके हैं, मैं भी क्वारंटाइन हूं।

-मालिनी गौड़, विधायक और पूर्व महापौर

लॉकडाउन खोलना जरूरी था। दुकानदार और जनता दोनों को जागरूक होना पड़ेगा। लोग शनिवार और रविवार को पिकनिक मनाने जा रहे हैं, इसमें राजनेता क्या करेंगे। हमने 56 दुकान के व्यापारियों से बात की है कि वे ऐसा कोई आदर्श पेश करें जिससे कोविड के नियमों का पालन हो। इसमें रविवार शाम 6 बजे तक बाजार बंद करने का सुझाव आया है।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here