जनपद पंचायत लालबर्रा के अंतर्गत आने वाली ग्राम पंचायत बबरिया में पंचायत द्वारा कराए गए निर्माण कार्यों की जांच कराने और दोषियों पर कार्यवाही किए जाने की मांग को लेकर ग्राम पंचायत बाबरिया के पंच सहित अन्य ग्रामीणों ने कलेक्टर कार्यालय में ज्ञापन सौंपा है। जिसमें उन्होंने फर्जी मस्टररोल में हाजिरी भरकर शासकीय राशि का गबन किए जाने, गुणवत्ताहीन निर्माण करने, बिना काम कराए ही शासकीय राशी निकालने, सहित अन्य आरोप लगाते हुए, गांव के सरपंच, सचिव और मेट की शिकायत की है।जिन्होंने धारा 40 की कार्यवाही कर सरपंच, सचिव और रोजगार मेट को पद से पृथक किए जाने की मांग की है।
आपसी साठगांठ से शासकीय राशि का किया है गबन
उक्त मांग को लेकर सौंपे गए ज्ञापन में ग्राम बबरिया निवासी ग्रामीण व पंचों ने इस बात का उल्लेख किया कि उनके गांव में नाला सफाई, सड़क ,नाली निर्माण सहित अन्य निर्माण कार्यों को लेकर स्टीमेट बनाकर राशि स्वीकृत कराई गई। जिसमें मनरेगा के तहत काम कर स्थानीय लोगों को रोजगार दिए जाने की बात कही गई थी। लेकिन जितने भी कार्य पंचायत द्वारा कराए गए हैं वह अधूरे हैं कई जगह सड़क, नाली, का काम अधूरा है, नाला की सफाई सहित अन्य निर्माण कार्य नहीं हुए है बावजूद इसके भी सरपंच सचिव और मेट द्वारा आपसी साठगांठ कर राशि का आहरण कर लिया गया है।वहीं सरपंच सचिव द्वारा मस्टोल में फर्जी हाजिरी भर की राशि का दुरुपयोग किया गया है उन्होंने ज्ञापन में ऐसे कई बिंदु दिए हैं जिसमें उन्होंने शासकीय राशि का दुरुपयोग कर गबन किए जाने का आरोप लगाया है। जहा सभी मामलों की निष्पक्ष जांच कराकर उन्हें पद से पृथक कर दोषियों पर कड़ी कार्रवाई किए जाने की मांग की है।
संरक्षण करने वाले अधिकारियों कर्मचारियों पर भी कार्यवाही होनी चाहिए- भूपेंद्र विश्वकर्मा
इस पूरे मामले को लेकर की गई चर्चा के दौरान ग्राम बबरिया निवासी ग्रामीण भूपेंद्र विश्वकर्मा ने बताया कि गांव में विकास कार्य के लिए नाले, नाली खेल मैदान, उपवन, सड़क सहित अन्य कार्य के लिए राशि स्वीकृत हुई थी।यह सभी कार्य सिर्फ कागजों में किए गए हैं, जबकि जमीनी हकीकत में कुछ भी काम नहीं हुआ है। बावजूद इसके भी कागजों में काम पूर्ण दर्शाकर आपसी साठगांठ कर करोड रुपए की शासकीय राशि का गबन किया गया है। जिसकी शिकायत ग्रामीणों व पंचों द्वारा कईं बार करने पर भी आज तक जांच नहीं हुई। इसके पूर्व एक अधिकारी जांच में आए थे लेकिन उन्होंने भी कोई कार्रवाई नहीं कि, हमारी मांग है कि ऐसे लोगों पर वैधानिक कार्रवाई की जानी चाहिए। धारा 40 के तहत सरपंच को पद से हटाया जाना चाहिए और जो भी अधिकारी कर्मचारी सरपंच का संरक्षण कर रहे हैं उन पर भी कार्यवाही होनी चाहिए।