इस्लामाबाद/नई दिल्ली: चीन और पाकिस्तान के सैन्य अधिकारियों के बीच पिछले हफ्ते हुई सीक्रेट बैठक से संकेत मिले हैं कि चीन, बहुत जल्द पाकिस्तान को J-35A स्टील्थ फाइटर जेट सौंप सकता है। चीन ने पाकिस्तान को अपने 30 सैटेलाइट वाले मिलिट्री नेटवर्क से जोड़ने की इजाजत दे दी है। जिसका साफ मतलब है कि चीन, पाकिस्तान में जे-30 सील्थ फाइटर जेट के लिए वॉरफेयर नेटवर्क तैयार कर रहा है। कई रिपोर्ट्स में दावा किया गया है कि चीन, पाकिस्तान को अगस्त महीने तक जे-35 स्टील्थ फाइटर जेट्स के कुछ यूनिट्स सौंप सकता है। पिछले साल दिसंबर में पता चला था कि पाकिस्तान कम से कम 40 जे-35ए स्टील्थ फाइटर खरीदने वाला है। लिहाजा भारत के लिए चीन-पाकिस्तान के बीच जे-35 जेट और उसका पाकिस्तानी एयरफोर्स में इंटीग्रेशन चिंता का सबब बन सकता है।
लिहाजा लोगों के मन में सवाल है कि पाकिस्तान और चीन के इस डिफेंस नेटवर्क को भेदने के लिए भारत किस स्ट्रैटजी पर काम कर रहा है? रिपोर्ट्स के मुताबिक भारत ने जे-35ए स्टील्थ फाइटर जेट नेटवर्क को न्यूट्रल करने के लिए जिस स्ट्रैटजी पर काम करना शुरू किया है, वो वैज्ञानिक और टेक्नोलॉजिकल डेवलपमेंट की पराकाष्ठा है। भारत ने पाकिस्तान-चीन की स्टील्थ क्षमता को स्टील्थ क्षमता से नहीं, बल्कि साइंस और स्ट्रैटजी से काउंटर करने का फैसला किया है। इसके केन्द्र में DRDO और BEL की तरफ से विकसित किया गया VHF-बैंड एंटी-स्टेल्थ रडार है, जिसे एक मोबाइल प्लेटफॉर्म पर तैनात किया गया है। यानि भारत ने अपनी एंटी-स्टील्थ डिटेक्शन क्षमताओं को बढ़ाने का रास्ता चुना है।
J-35 स्टील्थ नेटवर्क को कैसे न्यूट्रल करेगा भारत?
पाकिस्तान के साथ सीमित संघर्ष के दौरान भारत की इलेक्ट्रॉनिक वॉरफेयर की मजबूती ने दुनिया का ध्यान खींचा है। भारत ने युद्ध के बहुत शुरूआती चरण में ही अपने इलेक्ट्रॉनिक वॉरफेयर से पाकिस्तान के रडार सिस्टम और एयर डिफेंस सिस्टम को ध्वस्त कर दिया था। J-35A, जिसे चीन में FC-31 स्टील्थ फाइटर कहा जाता है, उसे चीन ने अमेरिकी स्टील्थ फाइटर जेट F-35 लाइटनिंग II को काउंटर करने के लिए बनाया है। लेकिन चीनी J-35A काफी सस्ता है और इसे चीन ने समुद्री लड़ाई और निर्यात करने के लिए डिजाइन किया है। उसी हिसाब से इसमें रडार को चकमा देने की क्षमता, पेलोड के लिए इंटरनल हथियार बे और आधुनिक एवियोनिक्स सिस्टम शामिल हैं। इसमें AESA रडार, लंबी दूरी की एयर-टू-एयर मिसाइल क्षमता और अत्याधुनिक इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर सिस्टम है। पाकिस्तान इसे अपने बेड़े में शामिल कर इंडियन एयरफोर्स के Su-30MKI, राफेल और मिराज-2000 जैसे विमानों को चुनौती देने की कोशिश कर रहा है।
DRDO ने VHF-बैंड एंटी-स्टेल्थ रडार को पांचवीं पीढ़ी के लड़ाकू विमानों की सबसे खतरनाक क्षमता, यानि उसके स्टील्थ क्षमता को ही बेअसर करने के लिए डिजाइन किया गया है। इसे TATA 6×6 LPTA 1828 हाई मोबिलिटी व्हीकल (HMV) प्लेटफॉर्म पर तैनात किया जा सकता है। अगर स्टील्थ फाइटर जेट की स्टील्थ क्षमता को बेअसर कर दिया जाए तो फिर उसे मार गिराना काफी आसान हो जाता है। भारत ने फिलहाल के लिए महंगे फाइटर जेट खरीदने की जगह अपने रडार नेटवर्क सिस्टम को मजबूत करने का रास्ता चुना है। VHF-बैंड एंटी-स्टेल्थ रडार से भारत अपनी डिटेक्शन और इंटिग्रेटेड एयर डिफेंस नेटवर्क को मजबूत कर रहा है।