प्रमोशन रुका- प्रभार से चल रहा काम,जिले के 14 शासकीय महाविद्यालय में नहीं नियमित प्राचार्य

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मध्यप्रदेश शासन द्वारा पदोन्नति के मामले पर न्यायालय की शरण में जाने के बाद इसका सीधा सीधा प्रभाव उच्च शिक्षा विभाग पर भी दिखाई पड़ रहा है जिले के भीतर कहने के तो 14 शासकीय महाविद्यालय है लेकिन एक में भी नियमित प्राचार्य नहीं है सभी स्थान पर प्रभारियों से काम चल रहा है।

ऐसे में सबसे बड़ी परेशानी है आती है कि कई बार किसी किसी महाविद्यालय में एक ही महीने में दो से तीन प्रभारी प्राचार्य दिखाई देने लगते हैं। कुछ इसी तरह के हालात जिले के अग्रणी शिक्षण संस्थान जटाशंकर त्रिवेदी महाविद्यालय में भी दिखाई देते हैं।

अक्टूबर और नवंबर के माह में ही जटाशंकर त्रिवेदी महाविद्यालय में चार-चार प्रभारी प्राचार्य देखे गए। इस दौरान डॉ प्रवीण श्रीवास्तव, डॉ कातुलकर, डॉक्टर गोविंद सिरसाठे और डॉ प्रवीण मेश्राम को प्रभारी प्राचार्य के रूप में प्रभार लेकर देखा गया है।

इस विषय पर जब हमने वर्तमान समय में जटाशंकर त्रिवेदी महाविद्यालय के प्रभारी प्राचार्य डॉ गोविंद सिंरसाठे की चर्चा की तो उन्होंने बताया कि यह शासन स्तर का मामला है। पदोन्नति नहीं होने पर संस्था के सबसे सीनियर प्रोपेसर को प्रभारी प्राचार्य का प्रभार सौंप दिया जा रहा है।

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