नगर मुख्यालय से सटी ग्राम पंचायत औल्याकन्हार के अंतर्गत आने वाले ग्राम मुरलीखाम से जामरीटोला के बीच नाले के ऊपर पुल का निर्माण आरईएस विभाग के द्वारा ३४ लाख रूपये की लागत से विगत दो वर्ष से करवाया जा रहा है परन्तु प्रशासन एवं निर्माण कंपनी के ठेकेदार की लापरवाही के कारण अब तक पुल बनकर तैयार नही हो गया है और निर्माण कार्य अधुरा छोड़ दिया गया है। वहीं गत दिवस हुई तेज बारिश से नाले में बाढ़ आने से खेतों में लगी धान की फसल खराब होने के साथ ही मिट्टी का कटाव हो रहा है जिससे किसानों की फसल बर्बाद हो रही है एवं निर्माणाधीन पुल भी नाले में बरसात के दिनों मेें बार-बार बाढ़ आने से क्षतिग्रस्त होने की संभावना बनी हुई है। वहीं पुल का निर्माण नही होने से जान जोखिम में डालकर ग्रामीण एवं किसान नाला पार कर रहे है। ऐसी स्थिति में बड़ी दुर्घटना घटित होने की संभावना बनी हुई है परन्तु जिम्मेदारों के द्वारा ३४ लाख रूपये की लागत से बन से पुल के निर्माण कार्य की ओर कोई ध्यान नही दिया जा रहा है जिससे ऐसा लगता है कि शासन की राशियों का दुरूपयोग किया जा रहा है। जबकि मुरलीखाम एवं जामरीटोला के ग्रामीणजनों एवं किसानों के आवागमन के लिए नाले के ऊपर पुल का निर्माण करवाया जा रहा है परन्तु दो साल से हो रहे पुल का निर्माण कार्य अब तक पुरा नही हो पाया है और अधुरा छोड़ दिया गया है। जिसके कारण ग्रामीणजन, स्कूली ब’चें एवं किसानों मेंं शासन-प्रशासन के प्रति भारी आक्रोश व्याप्त है। ग्रामीण एवं किसानों ने पुल निर्माण कंपनी के जिम्मेदारों पर कार्यवाही कर पुल के अधुरे कार्य को जल्द पुरा करने एवं खराब हुई फसलों का सर्वे कर मुआवजा दिलवाने की मांग शासन-प्रशासन से की है।
आपकों बता दे कि ग्राम पंचायत औल्याकन्हार के अंतर्गत आने वाली ग्राम मुरलीखाम एवं जामरीटोला के बीच से नाला गुजरा है परन्तु दोनों ग्रामों के लोगों को बरसात के दिनों नाले में अधिक पानी बहने से आवागमन करने में खासा परेशानियों का सामना करना पड़ता है एवं नाले में बाढ़ आने पर जामरीटोला के ग्रामीणजन अपने गांव में ही कैद हो जाते है। वहीं गत वर्ष बरसात के दिनों में एक वृहद महिला की मौत हो गई थी जिसका शव यात्रा कमर भर पानी से लोगों ने नाले के अंदर से निकालकर उसका अंतिम संस्कार किया था। इस तरह से सबसे अधिक बरसात के दिनों में ग्रामीणजनों व स्कूली ब’चों को खासा परेशानियों का सामना करना पड़ता है और जान जोखिम में डालकर नाला पाकर लालबर्रा मुख्यालय आ पाते है। ग्रामीणजनों ने पुल का निर्माण करवाने की मांग को लेकर विगत वर्ष पूर्व त्रि-स्तरीय पंचायत चुनाव सहित अन्य चुनाव का बहिष्कार करने की चेतावनी शासन-प्रशासन को दिये थे। जिसके बाद आरईएस विभाग के द्वारा ३४ लाख रूपये पुल निर्माण के लिए स्वीकृत किया गया था और उक्त लागत से पुल का निर्माण कार्य दो वर्ष से किया जा रहा है परन्तु प्रशासन एवं निर्माण कंपनी के ठेकेदार की लापरवाही के कारण अब तक पुल का निर्माण कार्य पुरा नही हो पाया है और अधुरा छोड़ दिया गया है। साथ ही निर्माण कार्य में अनियमितता भी बरती गई है एवं गत दिवस हुई तेज बारिश से नाले में बाढ़ आने से निर्माणाधीन पुल क्षतिग्रस्त होने लगी है। वहीं नाले किनारे के किसानों के खेतों मेें लगी फसल खराब होने के साथ ही मिट्टी का कटाव होने से किसानों को काफी नुकसान हुआ है और ग्रामीणजन व किसान जान जोखिम में डालकर नाला पार कर रहे है। ऐसी स्थिति में बड़ी दुर्घटना घटित होने की संभावना बनी हुई है परन्तु जिम्मेदारों के द्वारा इस समस्या की ओर कोई ध्यान नही दिया जा रहा है जिससे ग्रामीणजनों में शासन-प्रशासन के प्रति भारी आक्रोश व्याप्त है। जबकि ग्रामीणजनों की सुविधा के लिए नाले के ऊपर पुल का निर्माण किया जा रहा है परन्तु प्रशासन की लापरवाही एवं जनप्रतिनिधियों की उदासीनता के चलते दो वर्ष से जारी पुल का निर्माण कार्य अब तक पुरा नही हो पाया है। जिसके कारण सबसे अधिक परेशानी जामरीटोला के ग्रामीणजनों को हो रही है क्योंकि नाले में बाढ़ आने से जामरीटोला के ग्रामीण गांव में ही कैद हो जाते है। अगर किसी की तबियत खराब हो गई तो वे डॉक्टर के पास नही आ सकते, न ही डॉक्टर उपचार करने जा सकते है। ऐसी स्थिति में उनके साथ अप्रिय घटना घटित हो सकती है। साथ ही स्कूल व कालेज पढ़ाई करने वाले छात्र-छात्राओं की पढ़ाई भी प्रभावित हो रही है। पुल का निर्माण नही होने से सबसे अधिक परेशानी मुरलीखाम, जामरीटोला के ग्रामीणजनों व किसानों को हो रही है और उनकी कृषि के साथ ही अन्य कार्य भी प्रभावित हो रहे है। वहीं ग्रामीणजनों का आरोप है कि प्रशासन एवं निर्माण कंपनी के द्वारा निर्माण कार्य में अनियमितता बरतने के साथ ही शासन की राशियों का दुरूपयोग किया जा रहा है तभी तो दो वर्ष से बन रहे पुल का निर्माण कार्य अब तक पुरा नही हो पाया है।
आरईएस विभाग के एसडीओं जेएल खरे ने बताया कि मुरलीखाम से जामरीटोला के बीच नाले में पुल का निर्माण कार्य किया जा रहा है और पुर्व में बने क्षतिग्रस्त पुल के उस ओर से निर्माण कार्य किया जा रहा था परन्तु किसानों ने दुसरे स्थान से पुल बनाने की मांग की थी। जिसके कारण निर्माण कार्य में विलंब हुआ है और आधा निर्माण होने के बाद बरसात शुरू हो चुकी है इसलिए निर्माण कार्य बंद है, बारिश समाप्त होने के बाद निर्माण कार्य प्रारंभ कर पुल का कार्य पुरा कर दिया जायेगा।