वारासिवनी(पद्मेश न्यूज)। वारासिवनी खैरलांजी क्षेत्र कृषि प्रधान क्षेत्र है जहां पर ७५ प्रतिशत से अधिक आबादी कृषि कार्य कर अपनी जीविका का संचालन करती है। पूर्व निर्धारित व्यवस्था के अनुसार २ दिसंबर २०२४ से प्रदेश सरकार के द्वारा सेवा सहकारी समितियों के माध्यम से खरीदी केंद्र स्थापित कर धान उपार्जन कार्य प्रारंभ करवा दिया गया है। जहां पर व्यवस्थाओं का अभाव बना हुआ है जिस कारण से किसानो की उपज खरीदना संभव नहीं हो पा रहा है ,तो वहीं किसान भी खरीदी केंद्रो में आने के लिए कतरा रहे हैं। किसानों के द्वारा प्रदेश सरकार पर वादा खिलाफ ी का आरोप लगाया जा रहा है कि विधानसभा चुनाव २०२३, लोकसभा चुनाव २०२४ में सत्ता को हासिल करने विधानसभा चुनाव के दौरान में ३१०० रुपये प्रति क्विंटल समर्थन मूल्य धान का दिए जाने की घोषणा की गई थी। जिसे सरकार ने पूरा नहीं किया गया उसके बाद लोकसभा चुनाव में अगली खरीदी ३१०० रुपये प्रति क्विंटल और पहले बोनस की राशि ९१७ रुपये प्रति क्विंटल बोनस के रूप में दिए जाने के लिए कहा गया था। ऐसे में धान खरीदी प्रारंभ हो गई है परंतु यह २३०० रुपये प्रति क्विंटल के समर्थन मूल्य पर की ही जा रही है जिससे किसानों का आक्रोश समिति के साथ सडक़ों पर भी देखने के लिए मिल रहा है। इस दौरान किसान गर्जना संगठन के द्वारा धरना प्रदर्शन भी प्रारंभ कर दिया गया है जो सरकार से ३१०० रुपये प्रति क्विंटल समर्थन मूल्य अंतर की राशि ९१७ रुपये बोनस देने की मांग की जा रही है।
क्षेत्र में किसान गर्जना संगठन का धरना प्रदर्शन प्रारंभ
जिले में किसान गर्जना संगठन के द्वारा किसानों को जागरुक कर शासन की वादा खिलाफ ी का विरोध करते हुए विधानसभा और लोकसभा चुनाव में की गई घोषणा के अंतर्गत लाभ दिए जाने की मांग को लेकर धरना प्रदर्शन प्रारंभ कर दिया गया है। इसमें किसान गर्जना संगठन के द्वारा सेवा सहकारी समितियों के बनाए गए खरीदी केंद्रों के सामने धरना प्रदर्शन किया जा रहा है। इसी कड़ी में वारासिवनी अंतर्गत यह प्रदर्शन देखने तो नहीं मिल रहा है परंतु मुख्यालय के समीपस्थ ग्राम नेवरगांव सेवा सहकारी समिति अंतर्गत ग्राम बुधाटोला स्थित खरीदी केंद्र के सामने टेंट लगाकर किसान गर्जना के माध्यम से धरना प्रदर्शन किया जा रहा है। जिनके द्वारा किसानों को स्लाट बुक करवाने एवं कचरे के दाम में शासन को अपनी उपज नहीं देने की अपील की जा रही है। उन्हें बताया जा रहा है कि भारतीय जनता पार्टी के द्वारा सरकार बनाने के लिए किसानों को ३१०० रुपये प्रति क्विंटल समर्थन मूल्य मोदी की गारंटी के तहत देने की घोषणा की गई थी। उसके बाद सरकार बनी समर्थन मूल्य पर खरीदी हुई घोषणा को पूरा नहीं किया गया। फि र लोकसभा चुनाव में उसे दौहरते हुए पूर्व की खरीदी का ९१७ रुपये बोनस के रूप में देने के लिए कहा गया परंतु वह भी वर्तमान तक नहीं दिया गया है । और इस बार फि र सरकार के द्वारा अपने वादे से मुकरते हुए २३०० रुपये प्रति क्विंटल में धान उपार्जन कार्य प्रारंभ कर दिया गया है। जबकि यह वादा छत्तीसगढ़ में भी सरकार बनाने के लिए किया गया था जिनके द्वारा वादा पूरा किया गया किंतु मध्यप्रदेश में किसानों को केवल ठगने का कार्य भाजपा सरकार कर रही है। सहित अन्य प्रकार से समझाइस दी गई जिसके बाद लोग वापस लौट गये।
व्यवस्थाओं को लेकर प्रशासन निष्क्रिय
प्रदेश सरकार के द्वारा धान उपार्जन कार्य की घोषणा २ दिसंबर से प्रारंभ करने कर दी गई थी। जिसको लेकर प्रशासनिक अधिकारियों के द्वारा अनेको बैठक और कार्य योजना तैयार कर व्यवस्था बनाने की बात कही गई थी। जिसको लेकर सेवा सहकारी समितियों के द्वारा समस्त कार्य पूर्ण कर लिए गए किंतु प्रशासन के द्वारा खरीदी की तारीख की ज्ञात होने के बाद भी सेवा सहकारी समितियों में व्यवस्था बनाने में लापरवाही बरती गई। जिसका कारण है कि वारासिवनी जिला सहकारी केंद्रीय बैंक अंतर्गत १० सेवा सहकारी समितियों के १४ खरीदी केंद्रों में से आठ खरीदी केंद्रों में बारदाने की व्यवस्था नहीं है। जहां पर खरीदी कार्य बिना बारदाने के संभव ही नहीं है मात्र ६ समिति में प्रशासन के द्वारा बारदाना उपलब्ध करवाए गए हैं। जिसको लेकर समिति और किसानों में आक्रोश देखने को मिल रहा है। इस दौरान स्लॉट बुक कर चुके किसानों को धान उपार्जन केंद्र से अपनी धान को लेकर बैरंग लौटना पड़ा जिसका कारण वह ठंड का समय और बारदाने की व्यवस्था ना होना बता रहे हैं। जिसमें प्रशासन की लापरवाही स्पष्ट रूप से उजागर हो रही है। क्योंकि इस प्रकार की अव्यवस्था प्रशासन की सजकता पर प्रश्न चिन्ह खड़ा कर रही है। यह स्थिति केवल वारासिवनी ही नहीं डोंगरमाली ,रामपायली, खैरलांजी बैंक अंतर्गत समितियां सहित जिले के आनेको खरीदी केंद्रो में बनी हुई है।
खरीदी केंद्रो पर नही हुई खरीदी, किसानों ने नही दी समिति में अपनी उपज
जिला सहकारी केंद्रीय बैंक शाखा वारासिवनी अंतर्गत १० सेवा सहकारी समितियां बनी हुई है जिसके लिये १४ खरीदी केंद्र धान उपार्जन कार्य के लिए बनाए गए हैं। जिसमें सावंगी ,बुदबुदा ,रमरमा ,झालीवाड़ा ,अंसेरा ,कोस्ते जैसे ६ खरीदी केंद्रो में बारदाने की व्यवस्था बना दी गई है। तो वहीं वारासिवनी, खापा, कोचेवाही, थानेगांवख् कायदी, १ कायदी ,२ जागपुर मार्केटिंग सोसायटी जैसे ८ खरीदी केंद्र है जहां पर बारदाने वर्तमान तक उपलब्ध नहीं हो पाये हैं। जिस कारण से खरीदी कार्य बंद है वहीं पहले दिन रमरमा और सावंगी खरीदी केंद्र में किसानों की धान खरीदने का भी कार्य करने का प्रयास किया गया परंतु वहां पोर्टल के माध्यम से टोकन जनरेट नहीं हो पाया। जहां पूरे दिन अपनी उपज देने पहुंचे किसानो को परेशानी का सामना करना पड़ा।
इनका कहना है
दुरभाष पर बताया कि वारासिवनी अंतर्गत १० सेवा सहकारी समिति के १४ खरीदी केंद्रों में सभी प्रकार की तैयारियां पूर्ण कर ली गई है। इसमें कुछ जगह बारदाने की समस्या है परंतु वह भी व्यवस्था जल्द बना दी जाएगी । बारदाने राईस मिल से प्राप्त होने हैं जिनकी हड़ताल प्रारंभ है जो जल्द ही समाप्त होगी उसके बाद बारदानों की पूर्ति हो जायेगी। सावंगी और रमरमा खरीदी केंद्र में धान खरीदी का प्रयास किया जा रहा है किंतु टोकन जनरेट ना होने से समस्या हो रही है उसका भी समाधान कर लिया जाएगा।