बेकाबू हो गया कोरोना

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बालाघाट (पद्मेश न्यूज)। जिले के भीतर कोरोना बेकाबू हो चुका है इस बात के प्रमाण यह है कि डेडीकेटेड कोविड सेंटर पूरी तरह से हाउसफुल हो चुका है। अधिकांश मरीजों को घर पर ही आइसोलेट किया जा रहा है। जिस कारण उस मरीज के संपर्क में आने वाले परिजन बड़ी तेजी से संक्रमित हो रहे हैं। यह आंकड़ा इतनी तेजी से बढ़ रहा है कि प्रतिदिन 35 से 40 लोग पॉजीटिव्ह मरीज की सूची में शामिल हो रहे हैं। यह तो हमने केवल जिले के भीतर कोरोनावायरस की स्थिति बताएं लेकिन भयानक रूप इसका यह है की घर पर आइसोलेट हो रहे लोगों की लगातार तबीयत खराब हो रही है।
इलाज के लिए गोंदिया तक लगा रहे दौड़
बालाघाट की हालत किसी से छुपी नहीं है बीते कुछ दिनों में ही आधा दर्जन से अधिक चिकित्सक पॉजीटिव्ह की श्रेणी में आ चुके हैं इसीलिए लोग बेहतर इलाज के लिए गोंदिया तक दौड़ लगा रहे हैं। जहां पर अस्पतालों की हालात इतनी अधिक खराब है कि लाख रुपया देने के बाद भी वेटिंग लग रही है मतलब साफ है कि आज लाख रुपया दे दो,उसके दो-तीन दिन बाद आपको एक बेड बमुश्किल उपलब्ध हो पाएगा।
मौत का आंकड़ा भी पकड़ रहा रफ्तार
जिस तरह संक्रमित मरीजों की संख्या बढ़ रही है मरीजों की हालत खराब हो रही हैं उसी तरह मौत का आंकड़ा भी धीरे-धीरे अपनी रफ्तार पकड़ रहा है। 21 सितंबर को जिले के लांजी तहसील मुख्यालय, लालबर्रा तहसील के बल्लारपुर के एक शिक्षक और कुछ दिन पहले ही छिंदवाड़ा मेडिकल कॉलेज से कोरोना का इलाज कर लौटे अमेडा निवासी एक व्यक्ति की मौत हो गई। जिलेवासी इस सदमे से अभी उभरे ही नहीं थे कि सुबह-सुबह ही खबर आ गई लांजी निवासी एक 65 वर्षीय बुजुर्ग को पॉजीटिव्ह होने के बाद इलाज के लिए कोविड सेंटर लाया जा रहा था कि रास्ते में ही उनकी मौत हो गई।
मरीज को परिजनों द्वारा स्वयं अस्पताल ले जाने के कारण और बढ़ रहा खतरा
अब तक कोरोना को लेकर स्वास्थ्य विभाग और प्रशासन काफी मुस्तैद दिखाई देता था कुछ दिन से उतना ही सुस्त दिखाई दे रहा है उसकी बड़ी वजह यह है कि हालात अब इतने अधिक बेकाबू हो गए हैं कि इन दोनों जिम्मेदार विभागों ने अपने हाथ खड़े कर दिए हैं। इसकी बानगी है कि होम आइसोलेट लोगों की तबीयत खराब होने पर उनके परिजन ही उन्हें अपने निजी वाहन में लेकर अस्पताल या गोंदिया जा रहे हैं, जिससे आप अंदाजा लगा सकते हैं कि परिजनों के साथ – साथ कितने लोगों पर खतरा बढ़ रहा है।
यही रफ्तार रही तो हजारों में पहुंचेगा आंकड़ा
जानकारों के अनुसार कोरोना की यही रफ्तार जिले की भीतर बनी रही तो 5 अक्टूबर तक इसका आंकड़ा पॉजीटिव्ह मरीज के रूप में 12 सौ तक पहुंच जाएगा और यदि संक्रमण की रफ्तार यही रही तो अक्टूबर माह तक 3 से 5 हजार तक हो जाएगा। तब हालात क्या होंगे इस बात का अंदाज लगाया जा सकता है।
परिजनों की जान जोखिम में न डालने बरतें सावधानी
कोरोना संक्रमण को देखते हुए बीते 5 महीनों से पद्मेश न्यूज़ हर एक जिले वासी से यही अपील करता है कि जब तक कोरोनावायरस का टीका नही आता है तब तक आप सभी कोरोना गाइडलाइन का पालन करें। घर से बाहर तब निकले जब बहुत अधिक जरूरी हो। भीड़ वाले स्थान पर ना जाएं, मुंह पर मास्क लगाएं बार-बार हाथ साफ करें और सुरक्षित रहे। तबीयत खराब होने, बुखार रहने पर जल्द से जल्द जांच करवाएं वरना आप स्वयं और अपने परिजनों की जान जोखिम में डाल सकते हैं।

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