बैग मोहल्ले से बैरंग लौटा प्रशासन

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वारासिवनी(पद्मेश न्यूज)। नगर के वार्ड नंबर 4 आदिवासी वार्ड स्थित बैग मोहल्ला में किए गए अतिक्रमण को हटाने के लिए 4 अप्रैल को अमले के साथ प्रशासन मौके पर उपस्थित हुआ। जहां अतिक्रमणकर्ताओं के द्वारा प्रशासन का जमकर विरोध तहसीलदार इमरान मंसूरी के सामने किया गया। जिन्हे समझाइए देने एवं विरोध करने का दौरा करीब डेढ़ घंटे तक चला अंततः प्रशासन को बिना कोई कार्यवाही करें बैरंग वापस लौटना पड़ा। जहां अतिक्रमणकर्ताओं के द्वारा प्रशासन को आत्मदाह की भी चेतावनी दी जाती रही। इस दौरान भारी विरोध देखते हुए प्रशासन के द्वारा मौके पर पंचनामा कार्यवाही कर वापस लौट गये। जहाँ पुलिस प्रशासन की उपस्थिति नदारद रही। इस अवसर पर तहसीलदार इमरान मंसूरी पटवारी शांतनु दुबे शिव पटेल सहित अन्य अधिकारी कर्मचारी मौजूद रहे।

यह है मामला

नगर के वार्ड नंबर 4 स्थित बैग मोहल्ला मैं निवास कर रहे लोगों को करीब 6 से 7 दशक बीत चुका है। जहां पर कुछ जमीन का हिस्सा रविंद्र रुसिया के नाम का बताया जाता है। जिनके द्वारा न्यायालय में केश लड़कर अपनी जमीन साबित करी है किंतु उक्त स्थान पर आदिवासी समाज के बैगा जनजाति के परिवारों का निवास स्थान बना हुआ है। जहां पर वह कब्जा कर अपना जीवन व्यापन कर रहे हैं जिसे हटाने के लिए पूर्व में आदेश भी जारी किए गए थे। किंतु स्वयं का अतिक्रमण नहीं हटाए जाने पर शुक्रवार को तहसीलदार इमरान मंसूरी के नेतृत्व में प्रशासन अमले के साथ मौके पर पहुंचा। जहां पर अतिक्रमण हटाने की कार्यवाही की जानी थी परंतु वार्डवासियों के द्वारा मौके पर जमकर विरोध प्रदर्शन करते हुए प्रशासन को घेर लिया गया। जहां विरोध किया जाता रहा जिसमें प्रशासन के द्वारा लगातार समझाइस देखकर चर्चा की जाती रही। परंतु किसी भी परिस्थिति में उक्त व्यक्ति स्थान को खाली न करने की स्थिति में नहीं थे प्रशासन भी खाली करने में असमर्थ पाया गया क्योंकि उक्त दौरान पुलिस प्रशासन उपस्थित नहीं हुआ। जहां पर मौका पंचनामा तैयार कर सभी अधिकारी कर्मचारी बैरंग वापस लौट गए प्रस्तावित कार्यवाही मौके पर नहीं की गई।

वार्डवासी सफीना नेताम ने बताया कि हम अपने बाल बच्चे के साथ जमीन छोड़कर कहां जाएगे। हम कहीं जाना नहीं चाहते हैं हम यही जियेंगे यही मरेंगे पर यह जगह छोड़कर नहीं जाएंगे यदि यह लोग हटाना चाहे तो हम अपने ऊपर मिट्टी तेल डालकर बाल बच्चों के साथ मर जायेगे। यहां से जिंदा हम जाएंगे नहीं वह लोग हमें क्या बताएंगे इतने साल से कुछ किया नहीं अभी आकर बोल रहे हैं। 80 वर्ष का समय हो गया हम यहां पर रह रहे हैं कहां जाएंगे रुसिया का कोई भी वारिस रहा होगा तो आज तक आना था। सामने अब अचानक आकर बोलने से हम हटेंगे नहीं।

वार्डवासी सीमा वरकड़े ने बताया कि जैसा सपना अचानक आता है वैसा यह लोग आए हैं पहले यह लोग आते तो हम दूसरा ठिकाना ढूंढते। कोई आया नहीं कुछ कहा नहीं और इतने साल बाद अचानक आएंगे तो हम लोग कहां जाएंगे। यहां पर करीब 1000 से अधिक लोग रहते हैं यह हमारी जमीन है हमारे सांस ससुर की मृत्यु यहीं पर हुई उन्हें नहीं हटाया अब हम बहू बेटी कहां जाएंगे। हम रोड किनारे हैं पहले यह आकर कहता तो कहीं ना कहीं हम जाते कई वर्ष हो गए हमें यहां रहते हुए हम यहां से कहीं हटेंगे नहीं। यदि यह दोबारा फिर आएंगे तो एंबुलेंस लेकर आये।

तहसीलदार इमरान मंसूरी ने कहा कि यहां पर एक रकबा रविंद्र रुसिया के नाम का है जिसे सीमांकन हुआ था। वह निजी भूमि है जिसमें करीब 20 परिवारों का अवैध कब्जा बना हुआ है इसके लिए न्यायालय से आदेश भी हुआ है उसी के तहत हम कार्यवाही कर रहे हैं। नोटिस जारी किए थे तो इन्होंने बोर्ड परीक्षा बताते हुए समय मांगा था फिर अभी तारीख निकाले थे तो बताया जा रहा है कि उनकी वैकल्पिक व्यवस्था नहीं है। जिसमें भूमि स्वामी के द्वारा एक प्रपोजल भी रखा गया है कि वह इन्हें भूमि खरीद कर देगा जहां यह लोग अपना मकान बनाकर रहेंगे अभी वह देखने जा रहे हैं। यह कार्यवाही मध्य प्रदेश भू राजस्व संहिता के तहत विधिवत की गई है और नियमानुसार इसमें पक्षकार एवं प्रभावित पक्षकार दोनों को सुना गया है यह निष्पक्ष कार्यवाही की जा रही है।

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