बोर्ड परीक्षा की तारीख करीब आते ही छात्रों और उनके परिजनों के चेहरे पर चिंता स्पष्ट दिखाई दे रही है इसकी बड़ी वजह कोरोना काल में नियमित रूप से स्कूलों का नहीं लगना सभी विषयों का कोर्स पूरा नहीं होना बताया जा रहा है।
आपको बता दें कि कोरोना की दूसरी लहर की वजह से पहले ही स्कूल देरी से खुले तीसरी लहर की वजह से 15 जनवरी से 31 जनवरी तक कोचिंग ट्यूशन सहित सभी शिक्षण संस्थान बंद कर दिये गये थे।
१ फरवरी से पुन: ५० प्रतिशत क्षमता के साथ स्कूल खोल दिया गया किन्तु विद्यार्थी स्कूल नही आ रहे है एवं आधी-अधुरी तैयारी के बीच बच्चे बोर्ड परीक्षा कैसे देगें इस बात से बच्चे सहित उनके अभिभावक भी चिंतित नजर आ रहे है।