भारतीय बैंकों के करोड़ों रुपये हजम कर भागे विजय माल्या के मामले में भारत के लिए अच्छी खबर है। ब्रिटेन में हाई कोर्ट ने सोमवार को उसे दिवालिया घोषित कर दिया है। इसके साथ ही कोर्ट ने उन्हें उस फैसले के खिलाफ अपील करने के अधिकार को भी नकार दिया। इसी के साथ SBI की अगुवाई में बैंकों के कंसोर्शियम के लिए यह रास्ता साफ हो जाएगा कि उन्हें दुनिया भर में कहीं भी माल्या की प्रॉपर्टी जब्त करके लोन वसूली करने की इजाजत मिल सकती है। आपको बता दें कि 65 साल के विजय माल्या UK में जमानत पर हैं और उन पर 9000 करोड़ रुपए का लोन बकाया है। मोटे तौर पर ‘दिवालिया आदेश’ के बाद भारतीय बैंकों को दुनियाभर में उनकी संपत्ति को जब्त करने की अनुमति मिल गई है।
लंदन हाई कोर्ट में हुई वर्चुअल सुनवाई के दौरान जज माइकल ब्रिग्स ने ऐलान किया, ” मैं मिस्टर माल्या को दिवालिया घोषित करता हूं।” 65 साल के विजय माल्या ने किंगफिशर एयरलाइन के नाम पर करोड़ रुपए का लोन लिया और मौका देखकर लंदन की फ्लाइट पकड़ ली। माल्या पर करीब 9000 करोड़ रुपए का बकाया है और उसके खिलाफ ED और CBI भी जांच कर रही है। इससे पहले ED ने कहा था कि विजय माल्या भारत सरकार के खिलाफ प्रत्यर्पण का केस हार चुका है और माल्या को UK सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर करने से भी रोक दिया गया है।
SBI की अगुवाई में 13 बैंक कोशिश में हैं कि माल्या का प्रत्यर्पण हो और उससे कर्ज वसूला जा सके। इनमें बैंक ऑफ बड़ौदा, फेडरल बैंक, कॉरपोरेशन बैंक, IDBI Bank, इंडियन ओवरसीज बैंक, जम्मू एंड कश्मीर बैंक, पंजाब एंड सिंध बैंक, पंजाब नेशनल बैंक, स्टेट बैंक ऑफ मैसूर, यूको बैंक, यूनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया और जेएम फाइनेंशियल एसेट रीकंस्ट्रक्शन कंपनी प्राइवेट लिमिटेड के साथ एक और कर्ज देने वाली कंपनी है।