भारत में लू के खतरों का अनुमान लगाने के लिए AI मॉडल का दूसरा चरण शुरू किया, 1.25 लाख लोगों को मदद मिलेगी

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टेक कंपनी माइक्रोसॉफ्ट इंडिया ने सस्टेनेबल एनवायरनमेंट एंड इकोलॉजिकल डेवलपमेंट सोसाइटी (SEEDS) के साथ साझेदारी की है। दोनों ने भारत में लू (हीट वेव्स) के खतरों की भविष्यवाणी के लिए एक आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) मॉडल ‘सनी लाइव्स’ के अपने दूसरे चरण की शुरुआत की घोषणा की।

यह एक स्केलेबल मॉडल है जिसे भविष्य में आने वाले भूकंप, तूफान, जंगल की आग और जैविक आपदाओं को शामिल करने के लिए डिजाइन किया गया है। पिछले साल, देश के आपदा वाले तटीय क्षेत्रों में चक्रवात और बाढ़ के लिए इस मॉडल का सफलतापूर्वक परीक्षण किया गया था।

1.25 लाख लोगों को मदद मिलेगी
माइक्रोसॉफ्ट इंडिया ने कहा, “दूसरा चरण मुख्य शहरी हीट वेव्स एरिया में लू के खतरों से जुड़े मॉडल के विकास के साथ शुरू हो गया।” इसमें कहा गया है कि सीड्स 2021 में आपदा की पूर्व चेतावनी के साथ हीट वेव्स के खतरों का सामना कर रहे 1,25,000 लोगों की मदद करेगा।

हाई रेजोल्यूशन सैटेलाइट इमेजरी का यूज करेगा
यह आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस मॉडल समाधान भारत में आपदा प्रतिरोधी समुदायों के निर्माण के लिए माइक्रोसॉफ्ट के ग्लोबल इवेंट’आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस फॉर ह्यूमैनिटेरियन एक्शन’ के तहत विकसित किया गया है। समाधान आपदा प्रभाव की भविष्यवाणी करने के लिए हाई रेजोल्यूशन सैटेलाइट इमेजरी, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस कोडिंग सहित अन्य का इस्तेमाल करता है।

दुनियाभर में तेजी से बढ़ रही हीटवेव
कंपनी ने कहा कि जलवायु परिवर्तन तेज होने से पूरे भारत में और वैश्विक स्तर पर कोर हीटवेव जोन (CHZ) में हीटवेव बढ़ रही हैं। हालांकि, हीटवेव से संबंधित जोखिम की धारणा बहुत कम बनी हुई है, इसे बड़े पैमाने पर एक बाहरी घटना के रूप में माना जाता है। इसमें आपदा प्रतिक्रिया अधिकारियों द्वारा जोखिम सलाहकार प्रसार पर कोई जोर नहीं दिया जाता है।

नुकसान को कम करने में मिलेगी मदद
माइक्रोसॉफ्ट इंडिया के कॉर्पोरेट मामलों के निदेशक-सीएसआर, मंजू धस्माना ने कहा, “सीड्स के साथ हमारी साझेदारी क्लाउड और AI जैसी टेक्नोलॉजीज की शक्ति लाने का एक ऐसा प्रयास है जिससे राहत संसाधनों को अधिक कुशलता और प्रभावी ढंग से मार्शल करके नुकसान को कम किया जा सके।”

उन्होंने कहा कि यह सहायता के वितरण में तेजी ला सकता है और अग्रिम मोर्चे पर राहत कर्मियों के फैसलों को तेज कर सकता है। इस साल ओडिशा में 7.5 मिलियन (75 लाख) से अधिक लोग चक्रवात ‘यास’ से प्रभावित हुए।

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