मध्य प्रदेश में बिजली से जुड़ी सेवाएं महंगी करने की तैयारी में कंपनियां

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विद्युत वितरण कंपनियां नए मीटर कनेक्शन, लोड बढ़ाने, नाम परिवर्तन कराने सहित अन्य सेवाओं का शुल्क बढ़ाने की तैयारी कर रही हैं। कंपनियों ने मध्य प्रदेश विद्युत नियामक आयोग को प्रस्ताव दे दिया है और आयोग ने 30 सितंबर तक आपत्ति बुलाई हैं। जिन पर पांच अक्टूबर को सुनवाई होगी। इसे लेकर विरोध शुरू हो गया है। जबलपुर के वकील राजेंद्र अग्रवाल ने आयोग के सचिव को पत्र लिखकर कहा है कि जिस मामले को पिछले साल सुना जा चुका है। उसे लेकर दोबारा सुनवाई कैसे की जा सकती है। जबकि पिछली सुनवाई में लगाई गई आपत्तियों पर आयोग ने अब तक कोई निर्णय नहीं लिया है। कंपनियां नए मीटर कनेक्शन, लोड बढ़ाने, कनेक्शन में नाम परिवर्तन, मीटर टेस्टिंग, दोबारा कनेक्शन लेने सहित अन्य जरूरी सेवाओं के शुल्क में 68 से 70 फीसद की वृद्धि कर रही हैं। यही वृद्धि पिछले साल भी प्रस्तावित की थी और आयोग छह जुलाई 2021 को मामले की सुनवाई कर चुका है।

तब महाकौशल चैंबर ऑफ जबलपुर के अलावा मंडीदीप, भोपाल सहित अन्य स्थानों के उद्योगपतियों ने 20 आपत्ति लगाई थीं। उनका तर्क था कि कोरोना काल में आर्थिक स्थिति खराब है। ऐसे में उपभोक्ता पर अतिरिक्त भार न डाला जाए। अग्रवाल ने बताया कि उद्योगपतियों ने आयोग के अध्यक्ष को सामने अपनी बात रखी थी। अब आयोग उन्हीं सेवाओं का शुल्क बढ़ाने के लिए दोबारा सुनवाई कर रहा है। नए प्रस्ताव में प्रस्तावित शुल्क में भी कोई परिवर्तन नहीं है। अग्रवाल ने विद्युत अधिनियम 2003 और आयोग के कारोबार संचालन नियमों का हवाला देते हुए कहा कि आपत्तियों पर दोबारा सुनवाई करना अवैधानिक है। इसलिए इसे रद किया जाना चाहिए।

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