भोपाल (ब्यूरो)। मध्य प्रदेश में डाक्टरों की कमी दूर करने के लिए 727 पदों पर भर्ती की जा रही हैं। इसके लिए लोक सेवा आयोग से आठ फरवरी को विज्ञापन जारी किया गया है। इनमें अनारक्षित श्रेणी के लिए एक भी पद नहीं हैं। इसको लेकर विरोध शुरू हो गया है। अनारक्षित श्रेणी के उम्मीदवारों ने प्रदर्शन की चेतावनी दी है। विज्ञापन के मुताबिक ओबीसी श्रेणी के 401, एसटी के 253 और आर्थिक रूप कमजोर वर्ग के लिए 73 पद हैं।
एससी श्रेणी के पद भी नहीं हैं। स्वास्थ्य विभाग के अफसरों ने बताया कि इन श्रेणी के पद नहीं थे, इसलिए विज्ञापन में शामिल नहीं किया गया है। मप्र चिकित्सा अधिकारी संघ के प्रदेश अध्यक्ष डा. देवेंद्र गोस्वामी ने भी कहा कि अनारक्षित श्रेणी के पद भरना चाहिए। स्नातकोत्तर चिकित्सा अधिकारियों 853 पद हैं। इन्हें पदोन्न्त किया जाए तो चिकित्सा अधिकारी के नए पद बनेंगे।
मध्य प्रदेश में चाहे सड़क परियोजना हो या सिंचाई, समय पर पूरी होनी चाहिए। निर्माण कार्यों की गुणवत्ता से समझौता बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। किसी परियोजना के क्रियान्वयन में कोई समस्या हो तो उसका समाधान समय गंवाए बिना करें।
यह बात मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मंत्रालय में बड़ी विकास परियोजनाओं की समीक्षा करते हुए कही। उन्होंने कहा मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजना में एक हजार किलोमीटर सड़कों के लिए वन विभाग से समन्वय कर जरूरी स्वीकृति ली जाए। अधिकारियों ने बताया कि 19,709 किलोमीटर सड़कों में से 18,609 किलोमीटर सड़कें बन चुकी हैं। स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण के तहत 93,154 व्यक्तिगत शौचालय बन चुके हैं।
मध्य प्रदेश रुरल कनेक्टिविटी प्रोजेक्ट के तहत 1,557 किलोमीटर सड़क दिसंबर 2022 तक बनाई जाएगी। वहीं, बीना सिंचाई परियोजना से डूब क्षेत्र में आ रहे सात गांव और बेगमगंज-राहतगंज हाईवे का कुछ भाग आने पर ऊंचाई घटाने की बात बैठक में रखी गई। इस पर मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को अध्ययन करने के निर्देश दिए। बंडा सिंचाई परियोजना को भी समय पर पूरा करने के लिए कहा गया।










































