प्रदेश के रीवा, नर्मदापुरम, चंबल एवं ग्वालियर संभागों के जिलों में एवं अनूपपुर, डिंडोरी, मंडला, बालाघाट, सागर, छतरपुर, विदिशा, बुरहानपुर एवं खंडवा जिलों में आज कहीं-कहीं भारी वर्षा होने की संभावना है। मौसम विज्ञानियों के मुताबिक, मानसून ट्रफ भले ही मध्यप्रदेश में नहीं है, लेकिन अलग-अलग स्थानों पर बनी मौसम प्रणालियों के असर से बंगाल की खाड़ी एवं अरब सागर से नमी आने का सिलसिला बना हुआ है। इसके चलते प्रदेश के विभिन्न जिलों में रुक-रुककर बौछारें पड़ने का दौर जारी है। इसी क्रम में गुरुवार को सुबह साढ़े आठ बजे से शाम साढ़े पांच बजे तक सिवनी में 49, सतना में 26, उमरिया में 19, गुना में नौ, नर्मदापुरम में आठ, नौगांव में पांच, पचमढ़ी में चार, भोपाल में 3.4, धार में एक, मंडला में एक, मलाजखंड में एक, खजुराहों में 0.4, बैतूल में 0.2 मिलीमीटर वर्षा हुई। मौसम विज्ञान केंद्र से मिली जानकारी के मुताबिक इस सीजन में अभी तक गुरुवार को सुबह साढ़े आठ बजे तक मप्र में कुल 403.9 मिमी. वर्षा हो चुकी है, जो सामान्य वर्षा 335.3 मिमी. की तुलना में 20 प्रतिशत अधिक है। पूर्व वरिष्ठ मौसम विज्ञानी अजय शुक्ला के अनुसार, वर्तमान में एक पश्चिमी विक्षोभ अफगानिस्तान पर हवा के ऊपरी भाग में चक्रवात के रूप में बना हुआ है। उत्तरी पाकिस्तान पर चक्रवात के रूप में बना पश्चिमी विक्षाेभ हिमाचल प्रदेश पर सक्रिय हाे गया है। झारखंड और उसके आसपास हवा के ऊपरी भाग में एक चक्रवात मौजूद है। हरियाणा पर भी हवा के ऊपरी भाग में एक चक्रवात बना हुआ है। इसके अतिरिक्त मानसून ट्रफ गंगानगर, रोहतक, हरदोई से होते हुए देहरी, जमशेदपुर, बालासोर और पूर्वोत्तर बंगाल की खाड़ी तक विस्तृत है। वरिष्ठ मौसम विज्ञानी ममता यादव के अनुसार, हवाओं का रुख दक्षिण-पश्चिमी बना रहने से अरब सागर से नमी मिल रही है। इसी तरह झारखंड पर चक्रवात के मौजूद रहने से बंगाल की खाड़ी से भी नमी लगातार आ रही है। इस मौसम प्रणाली के असर से शुक्रवार को रीवा, नर्मदापुरम, ग्वालियर, चंबल संभागों के जिलों में कहीं-कहीं भारी वर्षा हाेने की संभावना है।