शंकरसाव पटेल शासकीय महाविद्यालय वारासिवनी के मीटिंग हॉल में 3 जुलाई को महाविद्यालय जनभागीदारी समिति की रूटीन बैठक का आयोजन किया गया। यह बैठक जनभागीदारी अध्यक्ष प्रफुल्ल बिसेन जनभागीदारी उपाध्यक्ष एसडीएम कामनी ठाकुर जनभागीदारी सचिव महाविद्यालय प्राचार्य प्रवीण श्रीवास्तव सहित अन्य सदस्य व अधिकारियों की उपस्थिति में प्रारंभ की गई। जिसमें मुख्य रूप से पुराने भुगतान करने वाले बिलों पर विचार किया गया इस दौरान खर्च को लेकर बैठक मैं स्पष्ट रूप से जनभागीदारी समिति महाविद्यालय प्रशासन के बीच तीखे तेवर देखने को मिले जहां दोनों पक्षों के बीच बहस भी हुई जिसे जांच का हवाला देते हुए शांत किया गया। जिसके बाद जनभागीदारी से नियुक्त शिक्षा कर्मियों के मानदेय, यूजीसी के द्वारा किए जाने वाले नैक मूल्यांकन एवं हाउसिंग बोर्ड के द्वारा बनाये गये भवनों के कार्यों का मूल्यांकन को लेकर विस्तार पूर्वक चर्चा की गई। इस दौरान निर्णय लिया गया कि छात्र-छात्राओं से शिक्षकों का फीडबैक लिया जाएगा और उस आधार पर शिक्षकों की नियुक्ति होगी वही पूर्व में लिए गए विभिन्न प्रस्ताव जैसे महाविद्यालय में जनरेटर लगाए जाने, मुख्य द्वार बनाने, रूम नंबर 17 और 18 को डिस्मेंटल का भवन बनाने, स्वामी विवेकानंद की मूर्ति लगाए जाने, जैसे विभिन्न विषयों पर त्वरित कार्यवाही कर कार्य किए जाने के लिए कहते हुए 1 माह का समय दिया गया। इस अवसर पर जनभागीदारी सदस्य निरंजन बिसेन हिमांशु जैन संजय चौधरी एचपी शर्मा व अन्य सदस्य महाविद्यालय प्रशासन मौजूद रहा।
जनभागीदारी अध्यक्ष प्रफुल्ल बिसेन ने पद्मेश से चर्चा में बताया कि महाविद्यालय को व्यवस्थित करने का प्रयास कर रहे हैं जिसे समझने के लिए जांच व निरीक्षण की अभी आवश्यकता है और छात्र हित में समिति के अधिकार के तहत व्यवस्था बनाई जानी है जिसका निर्धारण जांच से होगा जो अभी प्रक्रियाधीन है। हमारे द्वारा मुख्य रूप से निर्णय लिया गया है कि महाविद्यालय में छात्र छात्राओं की जो कमी दिख रही है इसलिए प्रवेश को लेकर बच्चों को 70 प्रतिशत उपस्थिति निर्धारित हो इसके लिए पालक के हस्ताक्षर लिए जाएंगे जिसके बाद प्रवेश निश्चित होगा। श्री बिसेन ने बताया कि अभी जांच चल रही है उसके बाद ही निश्चित होगा एसडीएम को हमारे द्वारा साक्ष्य दस्तावेज दिए गए थे जिसका प्रतिवेदन एसडीएम ने जिला कलेक्टर को भेजा था और उसमें अभी जांच समिति गठित हुई है। हमने किसी कर्मचारी को बिना कारण के नहीं निकाला है अकादमिक कैलेंडर का पालन करने का प्रयास किया है। जनभागीदारी छात्रों के पैसों से चलती है और उनके विकास के लिए कार्य करती है इसमें व्यवस्था को लेकर कार्य कर रहे हैं और पेयजल की जो समस्या बताई जा रही है वहां महाविद्यालय व छात्र छात्राओं में से किसी ने भी हमारे संज्ञान में नहीं लाया है।
एसडीएम कामनी ठाकुर ने पदमेश से चर्चा में कहा कि जनभागीदारी बैठक रखी गई थी जो जनभागीदारी अध्यक्ष के नेतृत्व में संपन्न की गई। जिसमें महाविद्यालय और छात्रों के विकास के संबंधित विषयों पर विस्तार पूर्वक चर्चा कर समिति की सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया है। किसी प्रकार का बैठक में विवाद नहीं हुआ चर्चा हुई थी कि इतना खर्च कैसे हो गया खर्च हुआ तो किस मद से हुआ इसकी सामान्य वार्ता हुई है। सुश्री ठाकुर ने बताया कि शिकायत पर जिला कलेक्टर के द्वारा टीम गठित की गई है और अब वह दल निर्णय लेगा यह मामला शिकायत का है जिसमें प्रशासनिक और वित्तीय अनियमितता बताई गई है।