बालाघाट(पदमेश न्यूज़)।मध्यान भोजन भारत सरकार की एक अहम योजना है जिसके अंतर्गत पूरे देश के प्राथमिक और माध्यमिक विद्यालय के छात्रों को दोपहर का भोजन प्रदान किया जाता है इस योजना में रसोइया अपनी अहम भूमिका निभाती है। लेकिन जवाबदारों की लापरवाही के चलते रसोइया कों अपनी मेहनत की मानदेय के लिए दर-दर भटकना पड़ रहा है।मामल बालाघाट जिले के जनपद शिक्षा केन्द्र परसवाडा के अंतर्गत आने वाली शासकीय प्राथमिक शाला दलवाडा का है, जहां नियुक्त रसोइया सीता बाई तेकाम को पिछले साल का मानदेय नही दिया गया है, जिसकी शिकायत के बाद कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है।
मानदेय मांगने पर काम से निकाला
पीड़ित रसोइया सीता बाई ने बताया कि पिछले साल खाना बनाने का मानदेय उन्हें आज तक नही मिला है।जब स्कूल की प्रभारी प्रधानाध्यापिका से मानदेय के संबंध में जानकारी चाहीं तो उनके द्वारा अधिकारी का भोपाल से फोन आने का हवाला देते हुए उन्हें कार्य में आने से मना कर दिया गया एवं अन्य रसोईया मथुरा बाई मर्सकोले को कार्य पर रखा गया है। जब उन्हें उक्त फोन नम्बर( भोपाल अधिकारी) की जानकारी ली तो पता चला कि जनपद शिक्षा केन्द्र परसवाडा के नरेन्द्र शरणागत (बीएसी) एमडीएम प्रभारी का पाया गया।
रिश्तेदार के खाते में डाली गई रसोईया के मानदेय की राशि
बताया गया कि जांच में पता चला कि प्रधान अध्यापिका ने अपने रिश्तेदार के ही सुनिता बाई पति दोहाराम राहंगडाले के नाम से फर्जी प्रस्ताव से मानदेय भुगतान कर राशि डाली है।पीडित रसोइया ने बताया कि इसमें प्रधान अध्यापिका क्षीरसागर मैडम और (बीएसी) नरेन्द्र शरणागत दोनो के आपसी साठगांठ से 44 हजार रूपये की शासकीय राशि का गबन किया गया है। जो कि महिला सुनिता बाईं के नाम से उनकी राशि डालीं गई है, वहां महिला दलवाडा ग्राम की नहीं है। इससे साफ़ जाहिर होता है कि प्रधानाध्यापिका और बीएसी नरेन्द्र शरणागत द्वारा शासन की राशि का स्वार्थ साधने की नियत से प्रधानाध्यापिका द्वारा अपनी बहन के खाते में राशि डलवाया गया।जों एक जांच का विषय है।
शिकायत के बाद भी नहीं मिला मानदेय, ना ही दोषियों पर हुई कार्रवाई
रसोइया सीता बाई तेकाम ने बताया कि मानदेय और प्रधानाध्यापिका और बीएसी नरेन्द्र शरणागत के द्वारा किए गए रसोइया के नाम से राशि के हेराफेरी और मानदेय के संबंध में संबंधित विभाग, जिला पंचायत सीईओ,जनपद सीईओ,सहायक आयुक्त जन जाति कार्य विभाग, जिला शिक्षा अधिकारी, सहित जन सुनवाई में शिकायत कर न्याय की गुहार लगाई गई है, लेकिन साल गुजरने लगा उनकी शिकायत पर संबंधितों पर कोई कार्रवाई नहीं की,ना ही उन्हें मानदेय दिया गया, उन्होंने मानदेय और दोषियों पर कार्रवाई की मांग की है।
जांच की रिपोर्ट बीआरसी को भेजी गई है – मसराम
इस पूरे मामले को लेकर की गई चर्चा के दौरान जन शिक्षक की एस मसराम ने बताया कि रसोइया सीता बाई तेकाम की शिकायत पर हम दो जन शिक्षकों द्वारा जांच कि गई है। जांच पर पाया कि स्कूल की प्रधान पाठिका क्षीरसागर और एमडीएम प्रभारी शरणागत द्वारा रसोइया की मानदेय की राशि को प्रधान पाठिका ने अपने बहन के खाते में डाला गया था। जिसकी रिपोर्ट बीआरसी कों दिया गया है।
मामले की जांच जारी है- अरूण बिठले
इस पूरे मामले को लेकर दूरभाष पर की गई चर्चा के दौरान बीआरसी जनपद शिक्षा केन्द्र परसवाडा अरूण बिठले ने बताया कि रसोइया की शिकायत के संबंध में जांच जारी है, जांच अनुविभागीय अधिकारी परसवाडा द्वारा किया जा रहा है, मैं प्राथमिक शाला दलवाडा जांच के लिए गया था जिसकी जांच प्रतिवेदन उच्च अधिकारियों को प्रेषित किया जाएगा।